राष्ट्रपति नॉर्थ ईस्टर्न हिल विश्वविद्यालय (एनईएचयू) के 26वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए

राष्ट्रपति नॉर्थ ईस्टर्न हिल विश्वविद्यालय (एनईएचयू) के 26वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुएThe President, Ram Nath Kovind addressing at the 26th convocation of the North Eastern Hill University (NEHU), in Shillong, Meghalaya on November 04, 2019. The Governor of Meghalaya, Tathagata Roy and the Chief Minister of Meghalaya, Conrad Sangma are also seen.

शिलांग राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज मेघालय के शिलांग में नॉर्थ ईस्टर्न हिल विश्वविद्यालय (एनईएचयू) के 26वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।





मानव विकास सूचकांकों में मेघालय के दर्जे को बेहतर बनाने में एनईएचयू मददगार साबित

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि एनईएचयू एक अग्रणी शिक्षण केंद्र के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख विषयों में उच्चतर शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ, यह विश्वविद्यालय इस क्षेत्र के विकास पर भी विशेष जोर दे रहा है, जहां जनजातीय समुदाय की भी अच्छी उपस्थिति है। कोविंद ने कहा कि एनईएचयू जैसे उच्च शैक्षिक संस्थान सामाजिक और आर्थिक सुधार के संदर्भ में महत्वपूर्ण साबित हो सकते है। मानव विकास सूचकांकों में मेघालय के दर्जे को बेहतर बनाने में एनईएचयू मददगार साबित हो सकता है।

मेघालय की 80 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या खेती पर निर्भर है

राष्ट्रपति ने कहा कि मेघालय की 80 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या खेती पर निर्भर है। कृषि उत्पादकता में सुधार लाने में मदद करके, एनईएचयू मेघालय और पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकता है। एनईएचयू के "ग्रामीण विकास एवं कृषि उत्पादन", "कृषि व्यवसाय और खाद्य प्रौद्योगिकी" और "उद्यान" विभागों के शिक्षक और छात्र किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।





उच्चतर शिक्षा एक ऐसा विशेषाधिकार है, जो हमारे देश में काफी लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है

राष्ट्रपति ने छात्रों को बताया कि वे एक ऐसे विश्व में प्रवेश कर रहे हैं, जहां काफी अवसर और चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतर शिक्षा एक ऐसा विशेषाधिकार है, जो हमारे देश में काफी लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इससे वंचित नागरिकों की स्थिति में सुधार लाने में मदद करें। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे जिस रूप में भी हो समाज के लिए वे अपना फर्ज निभाएं।

राष्ट्रपति का पूरा संबोधन पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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