भारत अपने अंदरूनी मामलों में किसी भी तरह का बाहरी दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं करेगाः उपराष्ट्रपति

- भारत की सुरक्षा, रक्षा और अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं: उपराष्ट्रपति
आतंकवाद मानवता का दुश्मन; धर्म के साथ इसका कोई नाता नहीं
नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि भारत अपने अंदरूनी मामलों में किसी भी तरह का बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने जोर दिया कि भारत की सुरक्षा, रक्षा और अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता।
इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित कौटिल्य फेलोज़ प्रोग्राम (केएफपी) के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि जम्मू और कश्मीर राज्य के दो केन्द्रशासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में पुनर्गठन किए जाने का मकसद है कि क्षेत्र के विकास में तेजी लाई जाए।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के दर्शन में विश्वास करता है और पूरे विश्व को परिवार मानता है। उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान और मेधा को साझा करने में विश्वास करता है और इसी आदर्श के तहत वह अपने संवाद और लोकसंपर्क को दिशा देता है।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि यही दर्शन अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को दिशा देता है। आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसका वित्त पोषण करने में भारत के एक पड़ोसी देश के प्रयासों के प्रति खेद व्यक्त करते हुए नायडू ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की भावना पर विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि भारत कभी आक्रांता देश नहीं रहा और उसने कभी अन्य देशों पर हमला नहीं किया है।
आतंकवाद को पूरी मानवता के लिए खतरा बताते हुए नायडू ने कहा कि आतंकवाद का कोई संबंध धर्म से नहीं है और धर्म के साथ आतंकवाद को मिलाना सबसे बड़ी समस्या है।
उपराष्ट्रपति ने विश्व समुदाय और संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुराष्ट्रीय संगठनों से आग्रह किया कि वह भारत द्वारा प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र प्रस्ताव पर चर्चा पूरी करें। यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में 1996 से लंबित है। उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय का यह कर्तव्य है कि वह हर आकार-प्रकार के आतंकवाद को समाप्त करे।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि धर्म निरपेक्षता हर भारतीय के डीएनए में शामिल है, क्योंकि वे युगों पुराने सभ्यतामूलक मूल्यों में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में समस्त अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है और यदि इसी गति से यहां सुधार होते रहे तो यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत अपनी समृद्ध युवा आबादी के जरिए मानव संसाधन के क्षेत्र में विश्व का केन्द्र बन सकता है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम युवाओं को शक्ति संपन्न बना रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अगर हम अपनी विशाल युवा आबादी की शिक्षा और कौशल का बेहतर प्रबंधन करें, तो हम निश्चित रूप से विश्व व्यापार केन्द्र के रूप में उभरेंगे।'
इस अवसर पर इंडिया फाउंडेशन के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य राम माधव और कौटिल्य फेलोज प्रोग्राम के 100 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित थे।