कोविड, अर्थव्यवस्था, महंगाई और चीन सीमा का मुद्दा छाया रहेगा संसद सत्र में

कोविड, अर्थव्यवस्था, महंगाई और चीन सीमा का मुद्दा छाया रहेगा संसद सत्र में

नई दिल्ली। कोविड महामारी की विकट चुनौती के बीच हो रहे संसद सत्र में अर्थव्यवस्था की खस्ताहाल स्थिति, कोविड महामारी के दिनों- दिन बढ रहे प्रकोप, चीन सीमा पर गतिरोध और आसमान छू रही महंगाई जैसे मुद्दे छाये रहेंगे।

करीब छह माह के अंतराल पर विशेष परिस्थितियों और विशेष इंतजामों तथा नियमों कायदों के बीच सोमवार से शुरू हो रहे सत्र के दौरान सरकार कोविड महामारी के कारण निर्धारित समय से पहले स्थगित किये गये बजट सत्र में हुए कामकाज के नुकसान की भरपायी करना चाहेगी। सरकार का लक्ष्य लंबित विधेयकों को पारित कराना और अधिक से अधिक विधायी कामकाज निपटाना होगा। कोविड के कारण इस बार का सत्र विशेष परिस्थितियों में हो रहा है और सरकार ने इसे देखते हुए विपक्ष को कई तरह के नियमों में बांध दिया है। इस बार प्रश्नकाल का नहीं होना विपक्ष के लिए सबसे विकट स्थिति है और वह सरकार से सवालों का जवाब नहीं पूछ सकेगा।

विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए सरकार ने इस बार सत्र शुरू होने से पहले हर बार होने वाली सर्वदलीय बैठकों का आयोजन नहीं किया और सदन की कार्यमंत्रणा समितियों की बैठक ही बुलायी गयी। विपक्ष के पुरजोर विरोध के बावजूद सरकार अपने ऐजेन्डे पर आगे बढ रही है। विपक्ष विशेष रूप से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था , कोरोना महामारी से निपटने की सरकार की नीति , चीन के साथ सीमा पर टकराव और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। उधर सरकार का कहना है कि वह सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन दोनों सदनों में लंबित विधायी कामकाज निपटाना उसकी प्राथमिकता है। अनेक विपक्षी सदस्यों ने इन मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए नोटिस भी दिये हैं। हालाकि सरकार ने कोविड के मद्देनजर बनाये नये नियमों का हवाला देकर विपक्ष के मुद्दों पर विरोध जताने के काम को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी स्वास्थ्य जांच के कारण विदेश गयी हुई हैं और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी उनके साथ होने के कारण सत्र के दौरान उपस्थित नहीं रहेंगे। हालाकि पार्टी ने कहा है कि वह कृषि एवं बैंकिंग अधिनियम में बदलाव संबंधी विधेयकों का कड़ा विरोध कर अर्थव्यवस्था, कोरोना तथा सीमा पर चीनी घुसपैठ के मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी। पार्टी ने कहा है कि संसद में इन विधेयकों के खिलाफ विपक्ष को एकजुट किया जा रहा है। वह राज्यसभा में इन विधेयकों को पारित नहीं होने देने के लिए विपक्षी दलों के संपर्क में है। पार्टी प्रधानमंत्री केयर फंड में पारदर्शिता और इसकी कैग से लेखा जांच की मांग कर रही है।

वार्ता

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