राष्‍ट्रीय सुरक्षा आज विविध पहलुओं वाली धारणा हो गई है : राजनाथ सिंह

राष्‍ट्रीय सुरक्षा आज विविध पहलुओं वाली धारणा हो गई है : राजनाथ सिंहThe Union Minister for Defence, Rajnath Singh addressing at the inauguration of the Annual Day of Defence Accounts Department (DAD), in New Delhi on October 01, 2019.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत जैसी उभरती अर्थव्‍यवस्‍था में वित्‍तीय विवेक पर बल दिया


राजनाथ सिंह ने गलत नीतियों के कारण पड़ोसी देश की समस्‍याओं का उदाहरण दिया


नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत जैसी उभरती अर्थव्‍यवस्‍था में वित्‍तीय विवेक पर बल देते हुए कहा कि पड़ोस जैसे कुप्रबंधन से वित्‍तीय अराजकता पैदा हो सकती है।






राजनाथ सिंह नई दिल्‍ली में रक्षा मंत्रालय के रक्षा लेखा विभाग के वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा पड़ोसी वित्‍तीय कुप्रबंधन का जीवंत उदाहरण है। उन्‍होंने कहा कि पड़ोस में अत्‍यधिक सैन्‍यीकरण और गलत नीतियों पर फोकस होने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां कोई देश अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एजेंसी, आतंकवाद के वित्‍त पोषण के लिए वित्‍तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा काली सूची में डाला जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि पड़ोस के प्रधानमंत्री को वैश्विक सम्‍मेलन में शामिल होने के लिए विमान का प्रबंध करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।






राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्‍ट्रीय सुरक्षा आज विविध पहलुओं वाली धारणा हो गई है। आर्थिक शक्ति, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण महत्‍वपूर्ण पहलू हो गये है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार बदलते माहौल के प्रति संवेदी है। उन्‍होंने आश्‍वासन दिया कि विकास की राह में आने वाली सभी बाधाएं दूर की जाएंगी। उन्‍होंने बताया कि वह देश के विभिन्‍न भागों में सशस्‍त्र बलों, वैज्ञानिकों तथा रक्षा विशेषज्ञों से बातचीत कर रहे हैं ताकि उनके कामकाज को समझ सकें और सुधार का रास्‍ता निकाल सकें। उन्‍होंने सरकारी परियोजनाओं में विलंब को टालने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात जवानों के कल्‍याण की बात को ध्‍यान में रखते हुए नियमों की सार्थक व्‍याख्‍या पर बल दिया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सफल मॉडलों के परिणामों को संस्‍थागत रूप देने और असफल मॉडलों की विफलताओं पर कार्य करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने श्रेष्‍ठ व्‍यवहारों को अपनाने और उन्‍हें मानक संचालन प्रोटोकॉल के रूप में बदलने पर बल दिया।






रक्षा मंत्री ने रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों को अपना परिवार बताते हुए रक्षा लेखा विभाग की दक्षतापूर्ण लेखा और विशाल रक्षा बजट के उपयोग के लिए सराहना की। उन्‍होंने आश्‍वासन दिया कि सैनिकों को निर्धारित समय के अंदर पात्र वित्‍तीय लाभ मिलेंगे। उन्‍होंने रक्षा लेखा विभाग की टीम द्वारा विकसित ऑनलाइन जैट फ्यूएल लेखा प्रणाली (ओजेएएस) की सराहना की। इस प्रणाली के तहत ई-बिलिंग का इस्‍तेमाल करते हुए आईओसीएल के बिल भुगतान का डिजिटीकरण किया गया है। उन्‍होंने बताया कि पहले ही वर्ष में इस प्रणाली से 21 करोड़ रुपये की बचत हुई है और इस राशि का उपयोग सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के लिए रोडमैप तैयार करने में तथा रक्षा मंत्रालय के अन्‍य अंगों के लिए किया जा सकता है।






राजनाथ सिंह ने विभाग के प्रयासों की। विशेषकर 32 लाख पेंशन भोगियों के लिए किये गये कार्यों और तेजी से वित्‍तीय निर्णय लिये जाने की सराहना की। उन्‍होंने रक्षा पेंशनभोगियों के लिए कॉल सेंटर स्‍थापित करने और दूरदराज के क्षेत्रों में पेंशन अदालतों का आयोजन करने के लिए रक्षा लेखा विभाग की सराहना की। उन्‍होंने इन अदालतों में 99.75 प्रतिशत कर्मचारी संतुष्टि पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने डिजिटल इंडिया के अंतर्गत एक ऐसी व्‍यवस्‍था बनाने पर बल दिया, जहां सभी समस्‍याओं का स्‍वत: समाधान हो सके और पेंशनभोगियों को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर जाने की परेशानी न हो। श्री राजनाथ सिंह ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि अगले वर्ष रक्षा पेंशनभोगियों के लिए व्‍यापक पेंशन पैकेज प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे कर्मचारियों की संतुष्टि में वृद्धि होगी, क्‍योंकि पेंशन से संबंधित सभी समस्‍याओं का समाधान एक डिजिटल प्‍लेटफॉर्म के अंतर्गत किया जाएगा। उन्‍होंने उच्‍च पेशेवर मानक के साथ 'वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी)' लागू करने के लिए रक्षा लेखा विभाग की प्रशंसा की।



उन्‍होंने स्‍टाफ और अधिकारियों के नियमित प्रशिक्षण पर बल देते हुए आशा व्‍यक्‍त की कि राष्‍ट्रीय रक्षा वित्‍तीय प्रबंधन अकादमी, पुणे द्वारा विकसित ई-लर्निंग पोर्टल 'ज्ञानसुधा' रक्षा लेखा विभाग को समयबद्ध तरीके से सेवा प्रदान करने में मदद देगा।

रक्षा राज्‍य मंत्री श्रीपद नाइक ने बदलते समय और विभिन्‍न आवश्‍यकताओं के अनुरूप रक्षा लेखा विभाग के विस्‍तार पर प्रकाश डाला।


रक्षा लेखा महानियंत्रक संजीव मित्‍तल ने विभाग के विजन-2020 की जानकारी दी। उन्‍होंने पेंशन सहित वेंडर भुगतान, बजट प्रबंधन, वेतन और भत्‍ते तथा नवाचारी रक्षा यात्रा प्रणाली परियोजनाओं की भी जानकारी दी।



राजनाथ सिंह ने उत्‍कृष्‍ट कार्य प्रदर्शन के लिए विभाग के कर्मचारियों को रक्षा मंत्री के पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया। इस वर्ष का पुरस्‍कार ऑनलाइन जेट फ्यूएल लेखा प्रणाली (ओजीएएस) के लिए वायु सेना, नई दिल्‍ली के प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक (पीसीडीए) की टीम, ई-लर्निंग तथा परीक्षा पोर्टल 'ज्ञानसुधा' के लिए राष्‍ट्रीय रक्षा वित्‍तीय प्रबंधन अकादमी (एनएडीएफएम) पुणे की टीम तथा 2016 से पूर्व के रक्षा पेंशनभोगियों के पेंशन में संशोधन के लिए पीसीडीए, इलाहाबाद की टीम को प्रदान किया गया।


इस अवसर पर नौसेना अध्‍यक्ष एडमिरल कर्मबीर सिंह, सचिव (रक्षा वित्‍त) गार्गी कौल तथा रक्षा लेखा विभाग और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे।

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