हमें एक नई शिक्षा नीति की आवश्यकता है : रमेश पोखरियाल

हमें एक नई शिक्षा नीति की आवश्यकता है : रमेश पोखरियाल
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रमेश पोखरियाल ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में निर्मित होने वाले "सभागार" का शिलान्यास किया


नई दिल्ली । केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने एन.सी.ई.आर.टी. के 59वें स्थापना दिवस के अवसर पर एन.सी.ई.आर.टी. के पूरे परिवार को शुभकामनाएँ और बधाई दी।






इस अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में निर्मित होने वाले "सभागार" का शिलान्यास भी किया।






केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के महत्वपूर्ण घटक के रूप में आपको सदैव इस बात का अहसास होना चाहिए कि देश के भविष्य का निर्माण आपके हाथों में है।

रमेश पोखरियाल ने कहा प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट केन्द्र के रूप में शिक्षा को कैरियर बनाने जा रहे प्रशिक्षु तथा सेवारत शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में, अनुसंधान एवं नवाचार को प्रेरित करना हो सर्वत्र आपने अपनी मेहनत, समर्पण और कार्यकुशलता की छाप छोड़ी है।





वर्ष 2014 में एनडीए की सरकार ने देश की कमान संभाली तो स्पष्ट किया था कि वैश्विक परिवेश की नई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए हमें एक नई शिक्षा नीति की आवश्यकता है।



नई शिक्षा नीति के विषय में यह कहना सर्वथा उचित होगा कि इसमें भारत को विश्व शक्ति के रूप में प्रक्षेपित करने की क्षमता है। इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से 100 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन को स्पर्श करने उनके जीवन में परिवर्तन लाने का प्रयास करेंगे।
हमारे स्कूली विद्यार्थियों, उच्च शिक्षा के छात्रों की संख्या 30 करोड़ से अधिक है। इसका मतलब तीस करोड़ से अधिक परिवार हमसे आच्छादित हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से करोड़ों लोग इस क्षेत्र से जुड़े हैं।
हम सभी इस मुद्दे पर एक राय रखते हैं कि 33 साल बाद पहली बार हम अपने बच्चों को, युवाओं को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करने का प्रयास गंभीरता से कर रहे हैं। इस गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस नीति के लिए लाखों विचार-विमर्श हुए।
देश के कोने-कोने से आज भी दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। सुझावों को, सबकी भावनाओं का समावेश हो सके यह जिम्मेदारी आपकी है। इस नीति की सबसे बड़ी चुनौती उसका क्रियान्वयन है। सफल क्रियान्वयन का रास्ता क्या होगा? कैसे होगा? इसका रोड़ मैप बनाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।


आज इस बात का ध्यान रखना हमें अपने आपको प्रोद्योगिकीयुक्त शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, रोजगारपरक शिक्षा, शोधपरक शिक्षा, परिणाम आधारित अध्ययन पर ध्यान केन्द्रित करना है। आपको चुनौतियों का मुकाबला करना है।अध्यापकों के भीतर नेतृत्व, सृजनात्मकता, समर्पण और कार्यकुशलता के गुण शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं को नवाचार के माध्यम से अधिक क्रियाशील सृजनात्मक बनाया जाएगा।






नव भारत के निर्माण के लिए अपने यशस्वी प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने का संकल्प लें। संकल्प से सिद्धि के मार्ग में NCERT एक महत्वपूर्ण माध्यम होगा ऐसा मेरा विश्वास है।



कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने उपस्थित लोगों को मुग्ध कर दिया।

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