पटाखों की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध

पटाखों की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध

चंडीगढ़। हरियाणा पटाखों की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।

हरियाणा सरकार के आज यहां जारी बयान के अनुसार प्रतिबंध हरियाणा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जारी दिशा निर्देशों से लगाया गया है। प्राधिकरण के अनुसार कोविड-19 के बीच आतिशबाजी के वायुप्रदूषण से सर्दी के मौसम में बुजुर्ग, बच्चों व सह-रूग्णता वाले लोगों को सांस की समस्या हो सकती है।

बयान के अनुसार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यह दिर्शा निर्देश एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्देशों के अनुपालन में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 24 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एनसीआर के 14 जिलों भिवानी, रोहतक, सोनीपत, चरखी दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पानीपत और रेवाड़ी में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि उपरोक्त निर्देश राज्य के उन सभी शहरों/कस्बों पर भी लागू होंगे जहां पिछले साल नवंबर के दौरान वायु गुणवत्ता का औसत खराब और उससे ऊपर की श्रेणी का था।

उन्होंने कहा कि जिन शहरों/कस्बों में वायु गुणवत्ता "मध्यम या कम" है, वहां केवल हरे पटाखे बेचे जा सकेंगे। इसके अलावा इन शहरों/कस्बों में दीपावली व अन्य त्यौहारों पर पटाखे फोड़ने का समय केवल रात 8 बजे से रात 10 बजे तक होगा। छठ पूजा पर पटाखे फोड़ने का समय सुबह 6 बजे से सुबह 8 बजे तक रहेगा। जबकि क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर आतिशबाजी का समय आधी रात के आसपास 11.55 से सुबह 12:30 बजे रहेगा।

प्रवक्ता ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उपरोक्त शहरों और कस्बों की सूची अलग से जारी करेगा।

प्रवक्ता ने बताया कि पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंसधारी व्यापारियों के माध्यम से ही होगी। फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि सहित कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट किसी भी ऑनलाइन ऑर्डर को स्वीकार नहीं करेगी। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 14 दिनों के लिए शहरों में अल्पकालिक निगरानी करेगा। प्रदूषण बोर्ड पटाखों को फोड़ने के संबंध में सीपीसीबी के जरिये प्रस्तावित वायु गुणवत्ता मानदंड मूल्यों (एएक्यूसीवीएस) के खिलाफ नियामक मानकों के अलावा, एल्युमीनियम, बेरियम, आयरन की अल्पकालिक निगरानी करेगा।

उन्होंने कहा कि सभी जिला उपायुक्त उपरोक्त निर्देशों को लागू करने के लिए संयुक्त निरीक्षण दल गठित करेंगे और राज्य सरकार के समय-समय पर जारी कानून/नियमों/निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ व्यापक जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। उपरोक्त निर्देश उपायुक्तों की तरफ से अपने-अपने जिलों में लागू किए जाएंगे और किसी भी तरह का उल्लंघन आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत दंडनीय होगा।

उन्होंने आगे कहा कि ये दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। जिला प्रशासन अपने अधिकार क्षेत्र में मुनादी करवाकर इसका प्रचार सुनिश्चित करे।


वार्ता

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