इस साल भी सुनाई नहीं देगी बम बम की गूंज-कांवड़ यात्रा पर लगा प्रतिबंध

इस साल भी सुनाई नहीं देगी बम बम की गूंज-कांवड़ यात्रा पर लगा प्रतिबंध

देहरादून। श्रावण मास की कांवड़ यात्रा पर उत्तराखंड सरकार की ओर से प्रतिबंध लगा दिया गया है। 8 राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया है। डीजीपी ने पड़ोसी राज्यों से प्रदेश में आने वाले कांवडियों से अनुरोध किया है कि वह कांवड़ लेकर उत्तराखंड के किसी भी शहर में प्रवेश ना करें। हरिद्वार में कांवड़ियों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंध के बावजूद कांवड लेकर पहुंचने वालों को 14 दिनोेेें के लिये क्वारटींन किया जायेगा।

मंगलवार को उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में कांवड यात्रा को लेकर 8 राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक हुई। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में थाना स्तर पर बैठक कर प्रतिबंध की जानकारी दें।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया, साल 2020 की तरह इस साल भी कोरोना के चलते उत्तराखंड सरकार ने कांवड यात्रा को प्रतिबंधित किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण लगातार दूसरे साल यात्रा रोकी गई है। स्थानीय लोगों के लिए भी यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए लगाया गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि सावन माह में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बॉर्डर को सील कर दिया जाएगा। हरिद्वार में पिछले दिनों आयोजित किए गए कुंभ से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लागू किया गया है।

डीजीपी अशोक कुमार ने चेताया है कि प्रतिबंध के बावजूद भी कांवड़ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं पर महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। ऐसे श्रद्धालुओं के साथ पुलिस सख्ती के साथ निपटेगी। गौरतलब है कि कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को आने की रियायत दिए जाने की वजह से सरकार को बड़ी किरकिरी का सामना करना पड़ा था। इसलिए सरकार ने एहतियात बरतते हुए कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई है। डीजीपी ने कहा, प्रतिबंधित होने की वजह से हरिद्वार आने पर हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी और ऐसे लोगों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन भी किया जा सकता है। डीजीपी ने सभी शिव भक्तों से अपील की है कि वह अपने आसपास के शिवालयों में ही जल चढ़ाएं। कोरोना संक्रमण से खुद बचे और दूसरों को बचाएं। बैठक में पंजाब, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

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