हाथरस मामले में गलत बयानबाजी कर रहे ADG : ठाकुर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सरकार के इशारे पर पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा हैवानियत की शिकार पीड़िता के मामले की लीपापोती करने का आरोप लगाते हुये समाजसेविका और अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि इस केस में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार का बयान अचरज भरा है।
नूतन ठाकुर ने कहा कि एडीजी ने मात्र कतिपय साक्ष्यों की मनमानी व्याख्या करते हुए ऐसा निष्कर्ष निकाला है, जबकि पहले स्वयं पुलिस ने ही तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर धारा 376डी (गैंग रेप) की बढ़ोत्तरी की थी। यदि पुलिस के पास पहले से ही पीडिता तथा उसकी माँ का विडियो मौजूद था तो फिर मेडिकल रिपोर्ट के लिए रुके बिना रेप की धारा क्यों बढ़ाई गयी। इससे साफ़ है कि सरकार इस मामले में लीपापोती कर रही है.
हाथरस रेप केस में ADG (L/O) के माध्यम से गलतबयानी कर रही है यूपी की सरकार. जिस प्रकार रेप की धारा हटाने व सच का साथ देने वालों को ADG @Uppolice व @dm_hathras के जरिये डराने-धमकाने का प्रयास हो रहा है, वह बेहद निंदनीय है. रेप की धारा हटाना सीधे-सीधे एक आपराधिक कृत्य होगा. pic.twitter.com/ecEriOq4VU
— Nutan Thakur (@ANutanThakur) October 2, 2020
उन्होंने एडीजी द्वारा सरकार को बदनाम करने वालों पर कार्यवाही करने के कथन को पुलिस राज की वापसी बताया औश्र कहा कि वे इस मामले में सरकार एवं उसके अफसरों द्वारा अब तक की गयी अनियमितताओं को इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लिए गए पीआईएल में भी प्रस्तुत करेंगी।
गौरतलब है कि सूबे के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने गुरूवार को कहा था कि हाथरस मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। आगरा की लैब से मिली रिपोर्ट में युवती में शुक्राणु नहीं पाया गया है। कुछ लोगों ने प्रदेश में जातीय तनाव पैदा करने के मकसद से इस केस को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है। इस प्रकरण में पुलिस ने शुरू से ही त्वरित तथा तत्समय कार्रवाई करके माहौल बिगड़ने से बचाया।