विवादित बयानों के बाद रामचरित मानस की बड़ी डिमांड नहीं हो रही पूर्ति

विवादित बयानों के बाद रामचरित मानस की बड़ी डिमांड नहीं हो रही पूर्ति

गोरखपुर। बिहार की नीतीश कुमार सरकार के मंत्री चंद्रशेखर एवं पूर्व प्रोफेसर तथा समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्रीरामचरितमानस को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद इस धार्मिक पुस्तक की बिक्री में घना इजाफा हो गया है। हालात ऐसे हो चले हैं कि डिमांड के मुताबिक रामचरितमानस की अब सप्लाई नहीं हो पा रही है।

रामचरित मानस को लेकर राजनेताओं की ओर से अपने फायदे के लिए हिंदू समुदाय के धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर की गई विवादित टिप्पणी ने इस धार्मिक पुस्तक की बिक्री में इतना इजाफा कर दिया है कि प्रकाशक गोरखपुर प्रेस अब डिमांड के मुताबिक रामचरितमानस की सप्लाई नहीं दे पा रही है। गीता प्रेस गोरखपुर के उत्पाद प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया है कि राजनेताओं की ओर से की गई उल जलूल बयानबाजी के बाद धार्मिक ग्रंथों समेत रामचरितमानस की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा है कि रामचरितमानस को लेकर दिए जा रहे विवादित बयान सिर्फ सस्ती लोकप्रियता आने का एक हथकंडा है, जिसे सोची-समझी योजना के मुताबिक आगे बढ़ाया जा रहा है। जबकि ऐसा बयान देने से ना तो बयान देने वाले को कोई फायदा होता है और ना ही उसके राजनीतिक दल को। ऐसी बयानबाजी पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता भी नहीं है। इस तरह की बयानबाजी करते हुए राजनेता खुद अपना और अपनी पार्टी का ही नुकसान करते हैं।

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