भाई के साथ जा रही बहन को उठाया- जंगल में किया गैंगरेप

भाई के साथ जा रही बहन को उठाया- जंगल में किया गैंगरेप

नई दिल्ली। भैरव बाबा के जागरण के बाद रात के समय घर लौट रहे भाई बहन को रास्ते में मिले चार बदमाशों ने रोक लिया और भाई को अपने कब्जे में लेने के बाद बहन को उठाकर जंगल में ले गए, जहां उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया। भाई के शोर मचाने पर दौड़े गांव वालों ने 2 दुष्कर्मियों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन पुलिस व अन्य लोगों ने दबाव डालकर राजीनामा करा दिया। पीड़ित पिता ने पुलिस अधीक्षक के सामने पेश होकर अपनी विपदा बताई तो पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया है।

दरअसल राजस्थान के उदयपुर में पीड़ित पिता की ओर से पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार के सामने पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक 11 फरवरी को पीड़ित का बेटा और बेटी भैरव बाबा के जागरण में शामिल होने के बाद तकरीबन 11.00 बजे अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में सूखा अंबा पुल के पास पहले से खड़े कमलेश, गोविंद, सुरेश और अन्य तीन चार युवकों ने उसकी बेटी को जबरदस्ती पकड़ लिया और उसे जंगल की तरफ ले गए, जहां बदमाशों ने उसकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दे दिया। हथियारों की नोक पर लिये गये भाई ने जब बहन की अस्मत बचाने को मदद के लिये शोर मचाया तो गांव वाले घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े और दो लड़कों को पकड़कर स्कूल परिसर के भीतर बंद कर दिया। बाद में सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस के हवाले पकडे गये दोनों लड़कों को कर दिया गया। पीड़ित पिता का आरोप है कि गांव में पहुंचे एसएचओ शंकरलाल राव ने अगले दिन की सवेरे 10.00 बजे से लेकर शाम के समय तक पीड़िता के पिता को थाने में बिठाए रखा। आरोपियों में से एक के पिता पुष्कर भारती गोस्वामी ने पीड़िता के बयान लेकर तहरीर लिखी और बाद में पुलिस ने दबाव डलवा कर दोनों पक्षों में राजीनामा करा दिया। उनके द्वारा दी गई गैंगरेप की रिपोर्ट पर पुलिस की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस दौरान एसएचओ ने धमकी दी और 2 दिनों तक पुलिस के लोग पीड़िता और उसके परिवार की निगरानी करते रहे। इस मामले में पुलिस अधीक्षक की ओर से दिए गए आदेशों के बाद आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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