हाथी को वापस भेजने के लिये हाईकोर्ट में की गई याचिका दायर

नई दिल्ली। जानवरों को लेकर विभिन्न प्रकार के मामले सामने आते रहते हैं। एक मामला अब हाथी का सामने आया है। तत्कालीन राष्ट्रपति को जिम्बावे सरकार ने एक हाथी तोहफे में दिया था। एक और हाथी आने के बाद दो साथी हो गये थे। एक साथी मरने के बाद वह अकेला हो गया, जिसके बाद उसे वापस भेजने के लिये हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार अफ्रीका के जंगल से करीब 24 वर्ष पूर्व एक हाथी को भारत लाया गया था, जिसका नाम शंकर बताया जा रहा है। इस शंकर हाथी को तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को जिम्बाब्वे सरकार ने तोहफे में दिया था। भारत आने के बाद शंकर को दिल्ली के चिडियाघर में रखा गया। इसके बाद शंकर के एक साथी को वर्ष 1998 में ही मुम्बई लाया गया। करीब 7 वर्ष के आसपास शंकर के साथी की मौत हो गई और वह अकेला रह गया। 16 वर्ष की निकिता धवन ने शंकर को वापस भेजने के लिये हाईकोर्ट में याचिका दायर की। निकिता यूथ फॉर एनिमल्स की संस्थापक है, जिसने कहा है कि शंकर कई सालों से अकेला है, जिसका अकेला रहना सही नहीं है। शंकर अन्य हाथियों से अलग दिखाई देता है क्योंकि उसके कान आम हाथियों से बड़े हैं। लोगों ने चिडियाघर पर आरोप लगाते हुए कहा कि शंकर के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भारतीय चिड़ियाघरों में अफ्रीका के दो हाथी है। एक शंकर है और दूसरी हथिनी है। अब देखने वाली बात यह है कि शंकर को अपने साथियों यानि हाथियों के पास भेजा जायेगा या नहीं।