अब इस राज्य में भाजपा की टेंशन बढ़ाएंगे किसान-आंदोलन की तैयारी

अब इस राज्य में भाजपा की टेंशन बढ़ाएंगे किसान-आंदोलन की तैयारी

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के कानूनों की वापसी के बाद राजधानी दिल्ली के बॉर्डरों से धरना उठाकर अपने घर चले जाने के बाद भी भाजपा की टेंशन खत्म नहीं हो रही है। अब दक्षिण भारत के भाजपा शासित राज्य कर्नाटक में किसानों की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन की तर्ज पर एक नया मोर्चा खुल सकता है। किसानों की ओर से राज्य में एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी को लेकर बने कानून की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने का फैसला लिया गया है।

दरअसल कर्नाटक राज्य रैयत संघ हसीरू सैने नाम के संगठन ने आगामी सोमवार को एपीएमसी कानून में संशोधन किये जाने के खिलाफ विधानसभा घेरने का ऐलान किया है। दूसरी तरफ किसानों के इस ऐलान से बेखबर राज्य सरकार इस कानून को बनाए रखने के फैसले पर जमी हुई है और उसने कानून की वापसी से इनकार कर दिया है। कर्नाटक के सहकारी मंत्री एसटी सोम शेखर ने बताया है कि सरकार इस कानून को आगे भी जारी रखेगी। यह नया कानून स्थानीय एपीएमसी के अधिकारों को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही किसानों को मंडी समितियों से बाहर भी अपने उत्पादों को बेचने की छूट देता है। सहकारी मंत्री ने कहा है कि मौजूदा कानून किसानों के हित में है, यह कानून किसानों को इस बात की आज़ादी देता है कि वह अपने उत्पादों को एमपीएससी मार्केट या फिर उससे बाहर कहीं भी बेच सके। केंद्र सरकार की नीति का इस नियम पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है और हम इस कानून में कोई बदलाव भी नहीं करेंगे।



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