कृषि कानूनों के वापिस होने तक नहीं होगी किसानों की घर वापसी

कृषि कानूनों के वापिस होने तक नहीं होगी किसानों की घर वापसी

नई दिल्ली। राजधानी के बॉर्डरों पर पिछले साल से नई कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को लेकर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है किसानों की घर वापसी तीनों कृषि कानूनों के वापस होने तक नही होगी। आंदोलन को तेज करने के लिए गांव दर गांव तैयारी चल रही है। जैसे राजधानी के मोर्चों पर उपस्थिति बढ़ेगी, वैसे ही आगे की योजना घोषित कर दी जाएगी।

बृहस्पतिवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने राजधानीके बाॅर्डरों पर किसानों के समूह में रहने से कोरोना संक्रमण के बढ़ने के आरोपों पर कहा है कि किसान अपने घर पर हैं? हम उन्हें और कहां जाने के लिए कह सकते हैं? क्या धरना स्थल से ही देशभर में कोरोना फैल रहा है? हम पिछले 5 माह से यहां पड़े रह कर आंदोलन कर रहे हैं। अब यही धरना स्थल हमारा घर है। कई किसानों ने को-वैक्सीन का टीका लगवा लिया है। लेकिन दूसरी खुराक पाने के लिए किसान दर-दर भटक रहे हैं। हमने अधिकारियों से किसानों के टीकाकरण के लिए यहां पर शिविर लगवाने के लिए कहा है। पिछले दिनों धरना स्थल पर हुई रोजा इफ्तार पार्टी के वीडियो को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा है कि इस रोजा इफ्तार पार्टी में लोग एक दूसरे से दूरी पर बैठे हुए थे। सरकार द्वारा किसी भी आयोजन में 50 लोगों की अनुमति दी गई है। लेकिन इफ्तार पार्टी में महज 22 से लेकर 35 लोग ही शामिल थे। कोई भी एक दूसरे से नहीं मिल रहा था और ना हीं कोई आपस में हाथ मिला रहा था। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने चेताया कि सरकार दोबारा किसान आंदोलन समाप्त करने की तैयारी ना करें। अन्यथा किसान पूरी तरह से तैयार है। कोरोना के फैलने के डर के बारे में उन्होंने कहा कि सारे किसान कोरोना की सुरक्षा के दायित्व का पूरी शिद्दत के साथ पालन कर रहे हैं। हम उसकी भी व्यवस्था कर रहे हैं। अगर किसान यहां से हट भी जाए तब भी तो वह अपने गांव में ही रहेंगे। कोरोना वायरस देश से भागेगा नहीं और इसके डर से किसान आंदोलन को नहीं हटाया जा सकता है। इलाज के लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए जो उसकी जिम्मेदारी है।





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