बुरे फंसे- राजधानी में हुंकार भरने वाले अब ताले लटकाकर फरार

बुरे फंसे- राजधानी में हुंकार भरने वाले अब ताले लटकाकर फरार

नई दिल्ली। राजधानी में 72 वें गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालकर दिल्ली की सड़कों पर हुंकार भरते हुए लालकिले पर झंडा फहराने वाले अब पुलिस के शिकंजा कसते ही अपने मकानों के ताले लगाकर फरार हो गए हैं। जिनमें झंडा फहराने वाले जुगराज सिंह के परिवार वाले भी शामिल है जो मकान का ताला लगाकर फरार हो गये है। कल तक जुगराज सिंह के समर्थक ग्रामीण भी पुलिस कार्रवाई के डर से पंजाब के तारा सिंह गांव से अपना बोरिया बिस्तर समेट कर कूच कर गए हैं।



72 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर बीते मंगलवार को राजधानी दिल्ली में आंदोलनकारी किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के दौर में लालकिला पर झंडा लगाने वाले युवक की पहचान पंजाब के तरनतारन थाना क्षेत्र के गांव तारा सिंह निवासी जुगराज सिंह के तौर पर की गई है। जैसे ही इस मामले को लेकर पुलिस द्वारा सख्ती और धर-पकड किए जाने की भनक लगी तो जुगराज सिंह के माता-पिता घर में बुजुर्गों को छोड़कर भाग गए।

बताया जाता है कि जब जुगराज सिंह ने लालकिले पर झंडा लगाया था तो उसके दादा मेहल सिंह ने कहा था की बारी कृपा है बाबा दी। दिल्ली हिंसा को लेकर की जा रही कार्यवाही के एक दिन बाद जब जुगराज सिंह के दादा मेहल सिंह से पूछा गया तो तपाक से बोले हम नहीं जानते कि क्या हुआ या कैसे हुआ। वह एक अच्छा लड़का है, जिसने हमें कभी भी शिकायत करने का मौका नहीं दिया है। बहरहाल अब तारा सिंह गांव में जुगराज सिंह की करतूत के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है और किसान आंदोलन के तहत राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में शामिल होने गए लोग अपने परिवारों के साथ घर से दूर कहीं सुरक्षित स्थान पर और ठिकाना ढूंढने के लिए निकल गये हैं। घरों पर केवल बड़े बुजुर्ग रह गए हैं जो अपने मुंह को पूरी तरह से बंद रखते हुए कुछ भी कहने से बच रहे हैं।



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