दारोगा को रिश्वत पड़ी भारी- कमिश्नर ने करा दी निलंबन की सवारी

आगरा। बाइक सवार को खनन माफिया बताकर उससे 30 हजार रूपए की अवैध वसूली दारोगा को भारी पड़ गई है। एमएलए की ओर से की गई शिकायत की जांच कराते हुए दोषी पाए गए दरोगा को अब कमिश्नर ने निलंबन की सवारी करा दी है।
दरअसल थाना खेरागढ़ क्षेत्र की पुलिस चौकी के इंचार्ज दरोगा जयकुमार ने शनिवार को बाइक सवार होकर जा रहे दो निर्दाेष युवकों को पकड़कर थाने में बैठा लिया था। सूचना मिलने के बाद भाजपा विधायक भगवान सिंह कुशवाहा ने पुलिस की इस कार्यशैली से नाराज होकर एसीपी खैरागढ़ महेश कुमार को फोन करके मामले से अवगत कराया और कहा कि थाने पर बैठाए गए दो युवक पहाड़ी गांव का रहने वाला देवेंद्र और उसका साथी यदि निर्दाेष हैं तो जांच कर उन्हें छोड़ दें।
एसीपी खैरागढ़ महेश कुमार ने जब थाना अध्यक्ष को फोन किया तो दोनों युवकों को थाने से नहीं छोड़ा गया। शनिवार की शाम तक भी जब दोनों युवक नहीं छूटे तो विधायक द्वारा दोबारा से एसीपी को फोन किया गया। एसीपी ने थाने पर दोबारा से कहा तो बताया गया कि दोनों युवक छोड़ दिए गए हैं।

लेकिन थाने से छूटकर घर पहंुचे दोनों युवकों ने जब अपने परिजनों के साथ बीजेपी विधायक के पास पहुंचकर बताया गया कि वह उनकी सिफारिश से नहीं बल्कि 30000 रूपये दारोगा को देकर वापिस आए हैं। यह बात सुनते ही बीजेपी एमएलए का पारा चढ़ गया और उन्होंने कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह से इस मामले की शिकायत की। मामला कमिश्नर तक पहुंचते ही हाई लेवल का हो गया जिसके चलते पुलिस कमिश्नर ने सोमवार की देर रात 30,000 रुपए की रिश्वत लेने वाले दरोगा जयकुमार को निलंबित करते हुए रिश्वतखोरी के इस मामले की जांच पड़ताल एसीपी को सौंप दी है। कमिश्नर की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद अब पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।