मुजफ्फरनगर में बढ़ा चीनी उत्पादन, गन्ना पेराई में नया रिकाॅर्ड

मुजफ्फरनगर में बढ़ा चीनी उत्पादन, गन्ना पेराई में नया रिकाॅर्ड

मुजफ्फरनगर। जनपद में गन्ना सीजन के पेराई सत्र के शुभारम्भ को 'जुम्मा-जुम्मा चार दिन' ही हुए है, लेकिन इस पेराई सत्र को सफल बनाने के लिए किसानों के खेत में गन्ना बुवाई से लेकर शुगर मिलों तक गन्ने को पहुंचाने के लिए अथक प्रयासों में जुटे गन्ना विभाग की रणनीति का रंग निखरकर सामने आने लगा है और मुजफ्फरनगर में यह सीजन नये रिकाॅर्ड के संकेत भी देना लगा है। अभी से ही चीनी उत्पादन और गन्ना पेराई में जनपद की आठ शुगर मिलों ने पिछले रिकाॅर्ड को ब्रेक करना शुरू कर दिया है। इस बार पेराई सत्र की शुरूआत के लिए गन्ना विभाग मुजफ्फरनगर ने जो तुलनात्मक आंकडे जारी किये हैं, उनमें गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन में मुजफ्फरनगर ने नये आयाम स्थापित करने शुरू कर दिये हैं। अभी तक जनपद की 8 शुगर मिलों के द्वारा 172.34 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई करते हुए 16.37 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन कर लिया गया है, जो बीते पेराई सत्र से कहीं अधिक है। गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान में भी मुजफ्फरनगर जनपद शत प्रतिशत भुगतान का लक्ष्य भेदने के काफी नजदीक पहुंच चुका है।


मुजफ्फरनगर जनपद में गन्ना पेराई सीजन 2020-21 की शुरूआत 27 अक्टूबर को दि गंगा किसान सहकारी चीनी मिल मोरना के शुभारम्भ के साथ हो गई थी। इसके बाद 28 अक्टूबर को त्रिवेणी की खतौली शुगर मिल तो 29 अक्टूबर को मन्सूरपुर और और टिकौला शुगर मिलों में गन्ना पेराई प्रारम्भ करा दी गई। एक नवम्बर को हिन्दुस्थान गु्रप की भैंसाना शुगर यूनिट शुरू हुई, 3 नवम्बर को आईपीएल गु्रप की तितावी शुगर मिल में गन्ना पेराई का कार्य प्रारम्भ हुआ। 8 नवम्बर को आईपीएल गु्रप की ही रोहाना शुगर यूनिट और 9 नवम्बर को उत्तम शुगर मिल खाईखेडी में गन्ना पेराई का शुभारम्भ हुआ। गन्ना पेराई सीजन 2019-20 की बात करें तो इस बार मुजफ्फरनगर में शुगर मिलों को औसतन करीब 5 से 10 दिन पहले शुरू कराया गया। भैंसाना और मोरना शुगर मिल इस साल भी पूर्व वर्ष की भांति समान तिथि पर शुरू कराई गई हैं। इसका असर भी गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन पर नजर आने लगा है।


मुजफ्फरनगर जनपद में जिला गन्ना अधिकारी डाॅ. आर.डी. द्विवेदी गन्ना किसानों के हितों को साधने में लगातार जुटे हुए हैं। गन्ना पेराई सीजन को इस बार पिछले साल के मुकाबले जल्दी शुरू कराने में वह सफल रहे तो वहीं मिलों से गन्ना भुगतान कराने में भी शत प्रतिशल लक्ष्य को हासिल करने तक पहुंच गये हैं। आठ में से छह चीनी मिलों द्वारा पिछले सत्र को सम्पूर्ण बकाया भुगतान कर दिया गया है। अब वह मौजूदा पेराई सत्र के दौरान किसानों को घटतौली, गन्ना पेराई और भुगतान की समस्याओं से निजात दिलाने के साथ ही शुगर मिलों को भी आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाने के लिए बेहतर गन्ना मिलों तक पहुंचाने की व्यवस्था को सफल बनाने में लगे हैं। गन्ना विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों का ही नतीजा है कि अभी शुरूआत दिनों में ही गन्ना पेराई, चीनी उत्पादन और चीनी परता के लिए गत वर्ष के सापेक्ष तुलनात्मक स्थिति काफी बेहतर रिकाॅर्ड के साथ सामने आई है। 27 अक्टूबर 2020 को जनपद में पहली चीनी मिल चली, विभाग ने 3 दिसम्बर 2020 तक की तुलनात्मक स्थिति के आंकड़े जारी किये हैं। इसमें चीनी उत्पादन और गन्ना पेराई में अभी से ही नया रिकाॅर्ड कायम हुआ है। इस अवधि तक पेराई सत्र 2019-20 में जनपद की आठ शुगर मिलों द्वारा 148.72 लाख कुन्तल की पेराई की गयी थी, जबकि इस बार 172.34 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई मिलों द्वारा की जा चुकी है, जोकि गत वर्ष के सापेक्ष 23.62 लाख कुन्तल अधिक है। गन्ना पेराई की बात करें तो 2019 के सत्र में खतौली मिल ने 3 दिसम्बर तक 39.34, तितावी मिल ने 13.20, भैंसाना मिल ने 25.52, मन्सूरपुर मिल ने 22.11, टिकौली मिल ने 28.70, खाईखेडी मिल ने 7.88, रोहाना मिल ने 2.48 और मोरना सहकारी मिल ने 9.49 लाख कुन्तल गन्ना पेराई की गई थी। इस साल सभी शुगर मिलों के गन्ना पेराई में वृद्धि दर्ज हुई है। 2020 पेराई सत्र में खतौली मिल द्वज्ञरा 42.38, तितावी में 24.65, भैंसाना में 26.05, मन्सूरपुर में 25.28, टिकौला में 31.80, खाईखेडी में 8.98, रोहाना में 4.20 और मोरना में 9 लाख कुन्तल गन्ना पेराई की गयी है।


चीनी उत्पादन में मुजफ्फरनगर जनपद के गन्ना विभाग ने उपलब्धि के लिए चीनी मिलों को प्रोत्साहित किया और नया रिकाॅर्ड सामने आया है। पेराई सत्र 2019 में जहां शुगर मिलों ने 14.89 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया था, वहीं इस साल अभी तक चीनी मिलों द्वारा 16.37 लाख कुन्तल चीनी उत्पादन किया जा चुका है। 2019 में खतौली शुगर यूनिट द्वारा 4.05, तितावी मिल में 1.19, भैंसाना में 2.63, मन्सूरपुर शुगर मिल में 2.16, टिकौला में 2.97 लाख कुन्तल तथा खाईखेडी में 79, रोहाना में 23 और मोरना सहकारी मिल में 87 हजार कुन्तल चीनी का उत्पादन हुआ। इन आंकड़ों में 2020 की पेराई सत्र में काफी सुधार देखने को मिला है। इस साल खतौली मिल में अभी तक 4.17, तितावी में 2.20, भैंसाना में 2.50, मन्सूरपुर में 2.39, टिकौला में 3.16 लाख कुन्तल तथा खाईखेडी में 75, रोहाना में 39 और मोरना मिल में 81 हजार कुन्तल चीनी का उत्पादन हुआ है। जनपद मुजफ्फरनगर में 3 दिसम्बर तक सामने आये आंकड़ों से साफ जाहिर है कि गन्ना पेराई बढ़ने के साथ ही चीनी उत्पादन भी बढ़ोत्तरी की ओर पहुंचा है। चीनी उत्पादन बढ़ने से चीनी मिलों को काफी लाभ होगा और इससे गन्ना मूल्य भुगतान के लिए काफी बेहतर व्यवस्था बनने में सफलता मिलेगी।


चीनी परता के प्रतिशत की बात की जाये तो मुजफ्फरनगर में यह 10 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। खतौली शुगर मिल में चीनी परता प्रतिशत सबसे बेहतर बना हुआ है, यहां अभी तक 10.42 प्रतिशत चीनी परता आ रहा है। इसके अलावा तितावी में 10.06, भैंसाना में 10.22, मन्सूरपुर में 10.16, टिकौला में 10.28, खाईखेडी में 9.09, रोहाना में 10.31 और मोरना सहकारी मिल में 9.49 प्रतिशत चीनी परता निकल रहा है।

जिला गन्ना अधिकारी डाॅ. आर.डी. द्विवेदी का कहना है, ''गन्ना विभाग का प्रयास है कि मिलों तक हम साफ सुधरा गन्ना पहुंचाने का काम करें। इसके लिए किसानों को लगातार जागरुक किया जा रहा है। गांव गांव गन्ना विभाग की टीमों द्वारा किसानों के बीच जाकर सूखा और ज्यादा पत्ती वाला गन्ना मिलों तक नहीं ले जाने के लिए जागरुक किया जा रहा है। इसके साथ ही गन्ना क्रय केन्द्रों पर सही तौल के लिए भी विभागीय स्तर पर छापामार कार्यवाही करते हुए कर्मचारियों पर एक मानसिक दबाव बनाने की रणनीति के साथ काम किया जा रहा है ताकि किसानों का गन्ना सही तौल और सही स्थिति में मिलों तक पहुंच सके। उन्होंने चीनी उत्पादन बढ़ने पर कहा कि मिलों को इससे ज्यादा आर्थिक लाभ होगा और किसानों को मौजूदा सत्र के लिए भुगतान की बेहतर व्यवस्था देने में हम सफल हो पायेंगे।''

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