GI उत्पाद के Export को बढ़ावा देगी सरकार- जाने GI में शामिल वस्तुएं

GI उत्पाद के Export को बढ़ावा देगी सरकार- जाने GI में शामिल वस्तुएं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार जीआई उत्पाद के विकास और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये हरसंभव प्रयास करेगी।

सूबे के मुख्य सचिव आर के तिवारी ने गुरूवार को वाराणसी परिक्षेत्र के जीआई उत्पाद के निर्यातकाें की समस्याओं के समाधान, ब्रान्डिंग तथा मार्केटिंग के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के सम्बन्ध में हुयी बैठक में जीआई उत्पादों के निर्यात के लिये समितियों एवं उपसमितियों के गठन, जीआई उत्पादों की समीक्षा के लिये प्रदेश स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी का गठन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास का कैलेण्डर तैयार कर ट्रेनिंग की शुरूआत,राॅ मैटीरियल बैंक की स्थापना, जीआई उत्पादों की ब्रान्डिंग के लिये कन्सलटेन्ट के सहयोग से वर्चुअल एक्जिीबिशन का आयोजन,वाराणसी स्थित मदनपुरा इनलैण्ड कार्गों को पुनः रिवाइव करने, जीआई उत्पादों के निर्यात के लिये इनलैण्ड वाटर वे का प्रयोग, वाराणसी में हैण्डलूम की भांति पावरलूम को भी सब्सिडी उपलब्ध कराये जाने तथा जीआई उत्पादों के लिए बार कोड क्यूआर कोड निर्गत करने के लिए मैकेनिज्म निर्धारण करने की प्रगति की समीक्षा की।

श्री तिवारी ने कहा कि विभिन्न जीआई उत्पादों के लिये प्रशिक्षण एवं कौशल विकास का एक कैलेण्डर तैयार कर लिया जाये तथा प्रशिक्षणार्थियों का चयन कर उनकी ट्रेनिंग शुरू करा दी जाये। जीआई उत्पादों के लिए राॅ मैटीरियल बैंक की स्थापना पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय कारीगरों, शिल्पियों एवं बुनकरों को अच्छी गुणवत्ता एवं उनकी जरूरत के अनुसार राॅ मैटीरियल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाये ताकि वाजिब मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता का कच्चा माल उन्हें हमेशा उपलब्ध रहे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिल्क का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है तथा इसे वन वन विभाग एवं मनरेगा के सहयोग से शहतूत का वृहद स्तर पर प्लान्टेशन कराकर किया जा सकता है। जिन जिलों में सिल्क का उत्पादन होता है उनमें बड़े पैमाने पर शहतूत का प्लान्टेशन कराया जाये तथा अच्छी गुणवत्ता व सस्ती कीमत पर सिल्क के लिए राॅ मैटीरियल मांग के अनुसार स्थानीय स्तर पर ही उत्पादन व उपलब्धता सुनिश्चित कराने के प्रयास किये जाएं।

अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में जीआई उत्पादों की मांग बढ़ाने हेतु ब्रान्डिंग की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न जीआई उत्पादों के विपणन के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के सम्बन्धित विभागों के साथ-साथ ई.पी.सी.एच. एवं फिक्की व इसी तरह की दूसरी संस्थाओं के सहयोग से नियमित अन्तराल पर ओडीओपी एक्जीबिशन आयोजित कराये जायें।

उन्होंने वाराणसी स्थित मदनपुरा इनलैण्ड कार्गों के पुनः रिवाइव करने तथा जीआई उत्पादो के निर्यात के लिये इनलैण्ड वाॅटर वे का प्रयोग करने के सम्बन्ध में सभी जरूरी कार्यवाही शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। वाराणसी में हैण्डलूम की भांति पावरलूम को भी सब्सिडी उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में उन्होंने मण्डलायुक्त वाराणसी को सुविचारित प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने जी.आई. उत्पादों के लिए बार कोड/क्यू आर कोड निर्गत करने के लिए मैकेनिज्म का निर्धारण करने हेतु भी सुसंगत एवं सुविचारित प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा।

इससे पूर्व अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई नवनीत सहगल ने वाराणसी परिक्षेत्र के जीआई उत्पादों की ब्रान्डिंग तथा मार्केटिंग के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के सम्बन्ध में किये जा रहे कार्यों एवं प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जी.आई. उत्पादों के निर्यात के लिये मण्डलायुक्त वाराणसी की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय समिति का गठन किया जा चुका है।

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