डीएम सेल्वा कुमारी और एसएसपी अभिषेक यादव ने दुकानों पर लगी सील खुलवाई,जनता में लौट रहा भरोसा

डीएम सेल्वा कुमारी और एसएसपी अभिषेक यादव ने  दुकानों पर लगी सील खुलवाई,जनता में लौट रहा भरोसा

मुजफ्फरनगर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में मुस्लिमों के प्रदर्शन के बाद हुई व्यापक हिंसा के मामले में प्रशासन द्वारा सील की गयी दुकानों को खोलने की प्रक्रिया को प्रारम्भ कर दिया गया।

बुधवार सवेरे जहां थानों में सील्ड दुकानों के मालिकों और दुकानदारों से बान्ड भरवाकर स्पष्टीकरण लिया गया, वहीं शाम होते होते प्रशासन ने दुकानों से सील खोल दी। पांच दिन बाद दुकानों के शटर खुले तो लोगों में प्रशासन के प्रति एक विश्वास कायम हुआ। लोगों ने डीएम सेल्वा कुमारी जे. और एसएसपी अभिषेक यादव के साथ ही अन्य अफसरों की सराहना की तो वहीं शहर में शांति व्यवस्था में सहयोग करने का वादा भी अफसरों से किया है।



बुधवार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित बैठक के दौरान डीएम सेल्वा कुमारी जे. और एसएसपी अभिषेक यादव की उपस्थिति में एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि हिंसा के बाद मीनाक्षी चौक, मेरठ रोड, आर्य समाज रोड, खालापार और रुड़की रोड पर सील की गयी दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों को खोलने के लिए प्रशासन ने लोगों से आवेदन मांगे हैं। इसके लिए बनी कमेटी के साथ थानों में लोगों की सुनवाई शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बुधवार को थानों में ही ऐसे सभी दुकानदारों से बान्ड भरवाने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन ने ऐसे लोगों को लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए भी कहा है। थानों में पुलिस अफसर ऐसे लोगों से एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर 20 दिसम्बर को प्रदर्शन के दिन उनकी दुकानें या प्रतिष्ठान बन्द क्यों रखा गया था? इसी का जवाब शपथ पत्र के रूप में देने के साथ ही साक्ष्य की भी जांच की जायेगी। एडीएम ने कहा कि ऐसे दुकानों के मालिकों से 20 दिसम्बर की हिंसा के लिए उपद्रवियों की पहचान में सहयोग की अपील भी की गयी है। उनकी दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और उनके बयान भी लिये जा रहे है। चिन्हित किये गये बलवाईयों को लेकर भी उनसे बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे दुकानदारों को यह भी कहा गया कि वह हिंसा के मामलों में पुलिस प्रशासन का तफ्तीश में पूरा सहयोग करेंगे और भविष्य में इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन और किसी भी अफवाह के खिलाफ प्रशासन के सहयोगी बनकर कार्य करेंगे। उन्होंन कहा कि पुलिस प्रशासन हिंसा के मामले में साक्ष्य जुटाकर ही कार्रवाई कर रहा है, जो निर्दोष हैं उनको छोड़ा जा रहा है। समाज में विश्वास पैदा करने के लिए हम मीटिंग कर रहे हैं। एफआईआर होने के बाद भी यदि दोष साबित नहीं होता तो जेल नहीं भेजा जायेगा। मीटिंग के बाद प्रशासन ने अपने वादे पर अमल करने और जनता के बीच एक विश्वास पैदा करने के लिए बड़ा फैसला लेते हुए सील की गयी दुकानों से कार्रवाई को समाप्त कर दिया। पुलिस प्रशासन की टीम ने सील दुकानों को प्रशासनिक नजरबंदी से मुक्त करते हुए लोगों को राहत देने का काम किया।


प्रशासन के इस फैसले का समाजवादी पार्टी ने भी स्वागत किया है। सपा, बसपा और अन्य दलों के लोगों ने डीएम से मिलकर निर्दोषों पर कार्रवाई नहीं करने की अपील की थी। वहीं बुधवार दोपहर को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने यूनियन के कार्यकर्ताओं के साथ मीनाक्षी चौक का भ्रमण किया था और पुलिस व प्रशासन के अफसरों से वार्ता करते हुए दुकानों की सील खोलने की मांग की थी।


एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि हिंसा के बाद सील की गयी दुकानों पर लगी सील को पुलिस प्रशासन की टीम की मौजूदगी में खुलवाया गया है। कुछ दुकानें शाम से ही खुली नजर आयी तो कुछ दुकानों को गुरूवार को खोलने की तैयारी में लोग जुट गये हैं।

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