लॉकडाउन - मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में गन्ना विभाग ने बनाया रिकॉर्ड

लॉकडाउन - मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में गन्ना विभाग ने बनाया रिकॉर्ड

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के नेतृत्व में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा कोरोना महामारी की इस देशव्यापी विभीषिका के बावजूद भी गन्ना कृषकों के हित में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं ।

इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए प्रदेश के प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर . भूसरेड्डी ने बताया कि कोविड -19 के कारण लॉकडाउन की अवधि में भी उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग द्वारा गन्ना किसानों के हित में चीनी मिलों को चलाने का निर्णय लिया गया तथा सभी चीनी मिलों में मिल यार्ड्स तथा क्रय केन्द्रों पर पानी की व्यवस्था कर साबुन तथा सैनिटाइजर रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा एक दूसरे से कम से कम एक मीटर दूरी बनाने एवं गन्ना किसानों में सोशल डिस्टेंसिंग एंव हैंडवाश के प्रति जागरूकता हेतु पमफ्लेट आदि का वितरण कराया गया ।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान पेराई सत्र में संचालित कुल 119 चीनी मिलों में से विषम परिस्थितियों के बावजूद अब तक 94 चीनी मिलें अपने क्षेत्र का समस्त गन्ना पेराई कर बंद हो गई है तथा 25 चीनी मिलें अभी भी कार्यरत हैं । वर्तमान पेराई सत्र में लॉकडाउन के बावजूद भी प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा अब तक 11,015.07 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गयी है , जबकि विगत वर्ष सामान्य परिस्थितियों मे इस समय तक 10,243.96 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गयी थी । प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा लॉकडाउन की इस अवधि में चीनी की बिक्री नगण्य होने के बावजूद भी खरीदे गये गन्ने के सापेक्ष रू . 5543.07 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कराया गया ।

प्रमुख सचिव चीनी एवं गन्ना विभाग संजय आर . भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि गन्ने की बसंतकालीन गन्ना बुवाई माह फरवरी से अप्रैल माह के अंत तक की जाती है, इसके दृष्टिगत कृषकों को कोई परेशानी ना हो तथा वह अपने गन्ने की बुवाई सुचारू रूप से कर सकें इसके लिए सभी चीनी मिलों को पर्याप्त मात्रा में कृषि निवेशों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश पारित किए गये तथा इच्छित कृषकों को उनकी सहमति के आधार पर ब्याज मुक्त ऋण पर गन्ना बीज , कीटनाशक , खाद , एवं अन्य निवेश इत्यादि उपलब्ध कराने एवं उसके कटौती कृषको की अंतिम गन्ना पर्ची / पर्चियों के देय गन्ना मूल्य से विरुद्ध समायोजित करने हेतु निर्देश दिए गए, जिससे धन अभाव के कारण कृषको की गन्ना बुवाई प्रभावित ना हो । गन्ना कृषकों को उनके देय गन्ना मूल्य के विरुद्ध प्रति कृषक एक कुंतल चीनी प्रति माह जून माह तक उस दिन के चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य के आधार पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए तथा चीनी का मूल्य कृषकों से उनके अंतिम पर्ची / पर्चियों से काटा जाएगा । इससे कृषकों को सस्ती चीनी उपलब्ध होगी तथा चीनी मिलों को भी वित्तीय तरलता प्राप्त होगी । इस व्यवस्था के तहत 70,793 गन्ना कृषकों को अब तक 74,865 कुन्तल चीनी उपलब्ध कराई गई है ।

प्रमुख सचिव चीनी एवं गन्ना विभाग संजय आर . भूसरेड्डी ने बताया कि कोरोना के प्रसार के कारण सैनिटाइजर की बढ़ती मांग के दृष्टिगत तथा कोविड -19 की प्रभावी रोकथाम हेतु गन्ना विकास विभाग द्वारा प्रदेश की चीनी मिलों को सेनिटाईजर उत्पादन के लिये प्रोत्साहित किया गया । जिसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में प्रथम बार 27 चीनी मिलों द्वारा लॉकडाउन की अवधि के दौरान दो लाख लीटर से भी अधिक सैनिटाइजर प्रतिदिन बनाने की क्षमता प्राप्त करते हुए सैनिटाइजर निर्माण कार्य अनवरत किया जा रहा है , तथा प्रदेश के साथ - साथ अन्य प्रदेशों को भी सैनिटाइजर की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है । प्रदेश सरकार द्वारा भी लॉकडाउन की इस अवधि में प्रदेश की चीनी मिलों और गन्ना किसानों के परिवहन तथा आपूर्ति से जुड़े प्रकरणों में आ रही परेशानियों का समाधान किया गया ।

प्रमुख सचिव चीनी एवं गन्ना विभाग संजय आर . भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा अब तक चीनी मिलों के सहयोग से कोरोना महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिये 3066 गांवो , 180 कस्बों , तथा 2152 सार्वजानिक कार्यालयों को मिलाकर कुल 5,398 जगहों पर सेनिटाइजेशन कराया जा चुका है । प्रदेश के गन्ना कृषकों को लॉकडाउन अवधि के दौरान गन्ने की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों यथा - टिड्डी प्रकोप , फॉलआर्मी वार्म , पायरिला आदि के बारे में विभिन्न प्रचार माध्यमों यथा - प्रेस नोट , हैण्डबिल , सोशल मीडिया के माध्यम से सचेत किया गया, जिससे गन्ना कृषकों को सुविधा हुई । उन्होंने यह भी बताया कि लॉक डाउन के दौरान गन्ना विकास विभाग के सभी अधिकारियों और कार्मिकों के द्वारा कोरोना महामारी के दृष्टिगत अपने कार्यस्थल पर स्वास्थ्य विभाग एवं कार्यालय द्वारा समय - समय पर जारी दिशा निर्देशों के क्रम में सोशल डिस्टेंसिंग और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी राजकीय कार्य संपादित किए गए तथा समय - समय पर कार्यालयों को सैनिटाइजेशन भी कराया गया ।

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