महंगाई की मार-डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से लोग हलकान

महंगाई की मार-डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से लोग हलकान

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच आए दिन बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने लोगों को बुरी तरह से हलकान किया हुआ है। देश में डीजल पेट्रोल का इस्तेमाल जितना ज्यादा हो रहा है। उसकी कीमतें भी उतनी ही ज्यादा ऊंचाई पर पहुंचती जा रही है। सस्ते डीजल पेट्रोल की उम्मीद तो बुरी तरह से गर्त में जा घुसी है। यदि पिछले दिनों की बात करें तो अकेले मई महीने में डीजल पेट्रोल के दाम सोलह बार बढ चुके हैं।

इससे पेट्रोल और डीजल की कीमत उच्च स्तर पर पहुंच गई है। जून माह के पहले दिन भी इसमें इजाफा हुआ है। देश में रोजाना सुरसा के मुंह की तरह आगे बढ़ रही डीजल व पेट्रोल की कीमतें लोगों को बुरी तरह से परेशान कर रही है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल घ्100 प्रति लीटर से भी पास जा पहुंचा है। सरकारी तेल कंपनी के मुताबिक मुंबई में पेट्रोल की खुदरा कीमत इस साल 11 प्रतिशत बढ़ी है। मुंबई से सस्ता पेट्रोल तो अमेरिका के न्यूयॉर्क में मिल रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में न्यूयार्क के मुकाबले पेट्रोल की कीमत लगभग दोगुनी है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के डाटा के मुताबिक, पेट्रोल का दाम मुंबई में 100.72 रुपये अर्थात 1.39 डॉलर प्रति लीटर था। न्यूयॉर्क स्टेट एनर्जी रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के आंकड़ों के अनुसार, न्यूयॉर्क में पेट्रोल की कीमत 0.79 डॉलर प्रति लीटर है।

मौजूदा समय में बढ़ती काम की आपाधापी के बीच दोपहिया और चार पहिया वाहन रखना इंसान की मजबूरी होती जा रही है। समय की कीमत को देखते हुए लोग सार्वजनिक वाहनों के स्थान पर अपने वाहनों से जाना पसंद करते हैं। वह इसलिए की आवागमन के साधनों में सार्वजनिक सेवाओं का इस्तेमाल किए जाने से बहुत सारा समय लग जाता है। जिसके चलते लोग अपने दोपहिया और चार पहिया वाहनों पर ही आना जाना पसंद करते हैं। लोगों के समय की बचत का सरकार पर भी प्रभाव पड़ता है। लोग जितना अधिक काम करेंगे तो सरकार को भी उतना ही ज्यादा लाभ पहुंचेगा। लेकिन पिछले काफी समय से डीजल पेट्रोल के दामों में आ रही तेजी लोगों को बुरी तरह से हलकान किए हुए हैं।

देशवासियों के जेहन में यह मिस्ट्री समझ में नहीं आ रही है कि जब भी देश में कभीं भी लोकसभा या विधानसभा के चुनाव होते हैं तो डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी होना बंद हो जाती है। लेकिन जैसे ही चुनाव संपन्न होते हैं तो डीजल और पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी का दौर शुरू हो जाता है।

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