आम, जामुन के बाद- घाटी की मिश्री चेरी का भी निर्यात
नई दिल्ली । कश्मीर घाटी में उगाई गयी चेरी का निर्यात दुबई को किया गया है जिससे घाटी में बागवानी फसलों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि बागवानी फसलों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर घाटी से मिस्री किस्म की चेरी की पहली खेप श्रीनगर से दुबई भेजी गयी है। चेरी की मिस्री किस्म न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि इसमें स्वास्थ्य लाभ के साथ विटामिन, खनिज और पौष्टिक यौगिक भी होते हैं।
आंकडों के अनुसार जम्मू और कश्मीर देश में 95 प्रतिशत से अधिक चेरी का उत्पादन करता है। यह चेरी की चार किस्मों - डबल, मखमली, मिस्री और इटली का उत्पादन करता है।
चेरी के निर्यात की शुरुआत आने वाले मौसमों में कश्मीर से विशेष रूप से पश्चिम एशिया के आलू बुखारा, नाशपाती, खुबानी और सेब जैसे कई फलों के निर्यात के लिए बड़े अवसर प्रदान करेगी। कश्मीर से सेब, बादाम, अखरोट, केसर, चावल, ताजे फल और सब्जियों और प्रमाणित जैविक उत्पादों की निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), सरकारी अधिकारियों और अन्य पक्षधारकों के साथ बातचीत की जा रही है।
वार्ता