वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलानः अब रहेंगे केवल 12 बैंक

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों पर बड़ा फैसला लेते हुए 10 बैंकों को मिलाकर 4 बैंक बनाने की घोषणा की हैं। वित्त मंत्री के ऐलान के बाद अब सरकारी बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 रह जायेगी। अब भारतीय स्टेट बैंक आफ इंडिया के बाद पंजाब नेशनल बैंक दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक के साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा और इसके साथ ही पंजाब नेशनल बैंक दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय किया जाएगा, इसे 15.20 लाख करोड़ के साथ सार्वजनिक क्षेत्र का चैथा सबसे बड़ा बैंक बनाया जाएगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के साथ विलय कर सार्वजनिक क्षेत्र का पांचवां सबसे बड़ा बैंक बनाया जाएगा। और इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के विलय के बाद यह सातवां सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा। देश में अब 12 पीएसबीएस बैंक रह गए हैं। इससे पहले साल 2017 में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक थे। पिछले 2 साल में पीएसयू बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई है।

वित्तमंत्री ने कहा कि 250 करोड़ से ज्यादा के लोन पर नजर रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य उपायों पर चर्चा चल रही है और आने वाले हफ्तों में इनकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि अवसंरचना पर व्यय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम जारी है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि उपभोग को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 3 लाख फर्जी कंपनियां बंद की गईं। भगोड़ों की संपत्ति पर कार्रवाई जारी रहेगी। बड़े कर्ज पर निगरानी संकेत समिति बनेगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि चार एनबीएफसी लिक्विडिटी मामले पर काम शुरू हो चुका है। तीन लाख फर्जी कंपनियां बंद की गई हैं। 250 करोड से ज्यादा के कर्ज पर नजर रखेंगे। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम जारी है। बैंकों ने लोगों के हितों में फैसला लिया है।

वित्त मंत्री ने बताया कि मर्जर के दौरान पंजाब नेशनल बैंक को लगभग 16,000 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,700 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक को लगभग 3,800 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 3,300 करोड़, यूको बैंक 2,100 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ और पंजाब ऐंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपये मिलेंगे।

इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को जल्द ही 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराने का ऐलान किया। इसके साथ ही बताया कि बैंक अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों को देंगे। इसका असर ये होगा कि ग्राहकों को अब होम और ऑटो लोन सस्ते मिलेंगे। वित्त मंत्री ने जीएसटी रिफंड में देरी से पैसों की कमी झेलने वाले कारोबारियों को राहत देते हुए ऐलान किया गया कि अब जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिनों के अंदर किया जाएगा।

वित्तमंत्री के ऐलान के बाद ये होगी स्थिति

1. पंजाब नेशनल बैंक

-यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया

-ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स

2. केनरा बैंक

सिंडिकेट बैंक

3. इलाहाबाद बैंक

इंडियन बैंक

4. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

आंध्रा बैंक

कॉरपोरेशन बैंक

5. बैंक ऑफ इंडिया

6. बैंक ऑफ बड़ौदा

7.बैंक ऑफ महाराष्ट्र

8.सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

9. इंडियन ओवरसीज बैंक

10.पंजाब एंड सिंध बैंक

11.स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

12.यूको बैंक

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