शरीर को रोगमुक्त रखती हैं आध्यात्मिक विधा योग-सुरेन्द्र।

शरीर को रोगमुक्त रखती हैं आध्यात्मिक विधा योग-सुरेन्द्र।

मुजफ्फरनगर। भारतीय योग संस्थान के निःशुल्क योग साधना केंद्र कम्पनी बाग मुजफ्फरनगर में दक्षता क्लास का आयोजन किया गया जिसमें प्रान्तीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेन्द्र पाल सिंह आर्य ने आसन और प्राणायाम की सही विधि से करने के गुर सिखाए।

सर्वप्रथम जिला प्रधान राजसिह पुण्डीर ने ओउम् ध्वनि और गायत्री मंत्र से योग साधना शुरू कराई। उन्होंने वृक्षासन,गरूड आसन , पाद हस्तासन व हाथ और पैरों को स्वस्थ रखने में सहायक आसन कराएँ । केंद्र प्रमुख प्रेमपाल बालियान ने सर्पासन,नौकासन पादवृत्त आसन व शवासन कराए।हॅसी व सिंहासन जिला कार्यकारिणी के सदस्य वीरसिह ने कराएँ ।



इस अवसर पर योगाचार्य सुरेन्द्र पाल सिंह आर्य ने बताया कि योग एक ऐसी अनूठी विधा है जिसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति का शारीरिक ,मानसिक व बौद्धिक विकास होता है ।योग एक आध्यात्मिक विद्या है।जिससे मनुष्य का शरीर तो रोगमुक्त होता ही है साथ ही साथ उसका विवेक जाग्रत होता है।

जिला प्रधान राजसिह पुण्डीर ने कहा कि योग साधना सदैव एक योग्य शिक्षक की देख-रेख में ही करना चाहिए।टी वी देखकर या पुस्तक पढकर योग साधना करने से हानि भी संभव है।इस अवसर पर यज्ञदत्त आर्य,क्षेत्रीय प्रधान राजीव रघुवंशी ,आचार्य रामकिशन सुमन,ग्रीन लैंड स्कूल के केंद्र प्रमुख नीरज बंसल,रजनी मलिक ,रेनु,कविता,रीतू ,नीलम राठी,आदि काफी संख्या में साधक एवं साधिकाओं ने भाग लिया।

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