कोचिंग सेंटर को बच्चों के जीवन की नहीं अपने हितों की चिंता

कोचिंग सेंटर को बच्चों के जीवन की नहीं अपने हितों की चिंता

खतौली। तेजी के साथ देशभर में चल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते सभी स्कूल कॉलेज और कोचिंग सेंटर सरकार की ओर से बंद कर दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण की रफ्तार को थामने के लिए बंद किए गए कोचिंग सेंटर पाबंदी के बावजूद भी नगर में खुलेआम खोले जा रहे हैं। जिसके चलते कोरोना संक्रमण के विस्तार का गांव देहात तक पहुंचने का रास्ता साफ हो रहा है।

देश और प्रदेश के साथ जनपद मुजफ्फरनगर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी के साथ चल रही है। जिसके चलते रोजाना कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। सरकार संक्रमण को थामने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। बच्चों के जीवन को कोरोना से खतरे में देखते हुए सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा रात्रि कर्फ्यू के साथ साथ वीकेंड कर्फ्यू की व्यवस्था भी लागू की गई है। इसके अलावा कई अन्य पाबंदियां भी सरकार की ओर से लगाई गई है। इन सभी पाबंदियों का मकसद लोगों को कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से बचाना है। लेकिन सरकार की ओर से पाबंदियों के बावजूद भी नगर के जैननगर, नागर कॉलोनी, गुर्जर कॉलोनी, सैनी नगर और शिवपुरी आदि इलाकों में संचालकों द्वारा अपने कोचिंग सेंटर बिना किसी रोक-टोक के खोले जा रहे हैं।

हालांकि स्कूल- कॉलेजों में क्लास से नहीं चल रही है। लेकिन कोचिंग सेंटरों में 30-35 छात्र छात्राओं से लेकर 50-50 छात्र छात्राओं को एक साथ बैठाकर कक्षा में पढ़या जा रहा हैं। कोचिंग सेंटरों में जगह इतनी कम है कि शिक्षा ग्रहण करने आए छात्र छात्राओं को दमघोंटू माहौल के बीच एक दूसरे से सटकर बैठना पड़ता है। अभिभावकों की मजबूरी यह है कि वह अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। लेकिन कोचिंग सेंटर संचालकों को बच्चों के जीवन की कोई परवाह नहीं है। इसके चलते अपने आर्थिक हित साधने के लिए वह कोचिंग सेंटर खोलकर बच्चों के जीवन को संकट में डाल रहे हैं। नगर क्षेत्र में रोजाना कोरोना संक्रमित मामले मिलने के बावजूद कोचिंग सेंटर संचालकों को बच्चों के जीवन की कोई परवाह नहीं है। जिसके चलते छात्र छात्राओं को कोरोना संक्रमण के विस्तार के लिए वाहक बनाया जा रहा है। गांव देहात में भी अब कोरोना संक्रमण के मामले मिलने लगे हैं। अपने बच्चों के जीवन की सुरक्षा को लेकर चिंतित अभिभावकों ने शासन प्रशासन से कोचिंग सेंटरों को अविलंब बंद कराए जाने की मांग की है।




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