स्वयं की रक्षा का दायित्व हमारे खुद के ऊपर- मनोज

स्वयं की रक्षा का दायित्व हमारे खुद के ऊपर- मनोज

मुजफ्फरनगर। श्रीराम काॅलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय शिविर में शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सुरक्षा का दायित्व खुद के ऊपर है। प्रत्येक व्यक्ति को आत्मरक्षा में अवश्य निपुण होना चाहिए।

शनिवार को श्रीराम कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के छठे दिन का शुभारंभ लक्ष्य गीत के माध्यम से गांव खेड़ी विरान बहादरपुर में किया गया। शिविर में आज के मुख्य अतिथि मार्शल आर्ट के मास्टर राहुल कुमार ने स्वयंसेविकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया। जिसमें जुड़े कराटे, ताइक्वांडो, वूशु तथा मार्शल आर्ट के गुर सिखाए गए। इसके पश्चात स्वयंसेवकों ने गांव की बालिकाओं को आत्मरक्षा के प्रति जागरूक किया और जीवन में उसके महत्व को समझाते हुए बीमारियों से दूर रहने का साफ-सफाई को एकमात्र माध्यम बताया।


शिविर में आज के मुख्य अतिथि मार्शल आर्ट के मास्टर एवं जीत-कुनेडो से जुड़े सूर्यदेव क्लब के संचालक मनोज कुमार ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वो स्वयं की रक्षा के तरीकों को जानकर स्वयं को इतना योग्य बनाए कि विकट हालातों में वह अपने जीवन का बचाव कर पाए। संविधान प्रदत्त स्वयं रक्षा के अधिकार का गलत प्रयोग न करते हुए इसे जीवन उपयोगी बनाए रखने का प्रयत्न करना चाहिए। यदि हमें जीवन के खतरे का पूर्व आभास हो तो प्रशासन से सुरक्षा की मांग करनी चाहिए तथा उनके सुरक्षा कवच का उपयोग करे, हमारे जीवन की रक्षा का दायित्व हमारे हाथ में हैं। अतः प्रत्येक भाई बहिन सबल बने तथा आत्मरक्षा की शिक्षा पाए, जिससे निडर व बेखौफ होकर जीवन को जीया जा सके। बहुत कम लोगों को इस बात का ज्ञान है कि मार्शल ऑर्ट की विधा कुंग-फू का जनक भारत है। हाल ही में इस संदर्भ में कई तथ्य सामने आए हैं। संत बोधिधर्मा को कुंग-फू का पिता कहा जाता है। चीन के शाओलिन में उनके नाम पर कई मंदिर बने हैं। इसलिए कयास लगाए जाते रहे हैं कि छठी सदी के दौरान संत बोधिधर्मा चीन गए थे।

शिविर में उपस्थित शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रवक्ता डॉक्टर अब्दुल अजीज ने कहा कि आत्मरक्षा का दूसरा माध्यम ध्यान योग भी माना जाता है जिसके द्वारा हम सामने की परिस्थिति को समझ कर उससे निपटारा कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि सेल्फ डिफेन्स अर्थात आत्म रक्षा का अर्थ स्वयं की रक्षा करने से हैं। अपने जीवन की रक्षा के प्रयत्न में व्यक्ति को शारीरिक नुकसान की क्षति भी सम्भव होती हैं साथ ही जिससे जीवन का खतरा हो उसके प्राण लिए जा सकते हैं। भारत का संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को स्वयं की रक्षा हिफाजत का अधिकार देता हैं।

बायोसाइंस प्रवक्ता डॉ अश्वनी कुमार ने जिमनास्टिक, मार्शल आर्ट तथा योग के जरिए छात्राओं को आत्मरक्षा करने का पाठ सिखाया।शिविर के सफल संचालन में कार्यक्रम अधिकारी अंकित कुमार, खेल प्रशिक्षु विपुल , सरिता तथा स्वयंसेवक सृष्टि, सपना, रिया गोयल, आस मोहम्मद हर्ष, अभय, अजय कुमार, अंजलि, तनवी शर्मा तथा अलजोया इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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