देवी अहिल्याबाई होल्कर के विचार आज भी प्रासंगिक-पुष्पांकर

देवी अहिल्याबाई होल्कर के विचार आज भी प्रासंगिक-पुष्पांकर

मुजफ्फरनगर। देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर बसपा के मीरापुर प्रभारी के आवास पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में पार्टी नेताओं ने देवी अहिल्याबाई होल्कर के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और उनके विचारों एवं कार्यो को आज भी प्रासंगिक बताया।


सोमवार को सदर ब्लाक क्षेत्र के गांव भिक्की स्थित मीरापुर बसपा के मीरापुर प्रभारी पुष्पांकर पाल के आवास पर देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में शामिल हुए बसपा नेताओं ने उन्हें याद कर अपने भावपूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के प्रभारी शमसुद्दीन राईन व राज्यसभा सांसद वीर सिंह ने संयुक्त रूप से देवी अहिल्याबाई होल्कर के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।



इस दौरान वक्ताओं ने देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा जनहित में कराए गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला और उनके बताये रास्ते पर चलकर जनहित के काम करने का संकल्प लिया। बसपा के मीरापुर विधानसभा प्रभारी पुष्पांकर पाल ने बताया कि मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी तथा इतिहास प्रसिद्ध सूबेदार मल्हार राव होलकर के पुत्र खंडेराव की धर्मपत्नी अहिल्याबाई होल्कर ने माहेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया। उन्होंने बताया कि देवी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत भर के प्रसिद्ध तीर्थो और स्थानों में मंदिर बनवाए, घाट बंधवाये और बावडियों का निर्माण कराया, रास्ते बनवाएं और सुधरवायें, गरीबों के लिए अन्य क्षेत्र खोलें तथा प्यासों के लिए प्याऊं बनवाई, मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन चिंतन और प्रवचन के लिए कराई।


उन्होंने बताया कि देवी अहिल्याबाई होल्कर का जन्म चैंडी नामक गांव में हुआ था जो आज कल महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के जामखेड़ में पड़ता है। 10 12 वर्ष की आयु में ही उनका विवाह हो गया था। 29 वर्ष की अवस्था में देवी अहिल्याबाई होल्कर विधवा हो गई। उनके पति का स्वभाव चंचल और उग्र था। वह सब देवी अहिल्याबाई होल्कर ने सहन किया। जब वह 42-43 वर्ष की थी तो उनके पुत्र मालेगांव का देहांत हो गया। जब अहिल्याबाई की आयु 62 वर्ष के लगभग हुई तो दोहित्र नत्थू चल बसा। 4 वर्ष पीछे ही दामाद यशवंतराव फणसे भी नहीं रहे और इनकी पुत्री मुक्ताबाई सती हो गई। इस मौके पर बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड प्रभारी शमसुद्दीन राइन, राज्यसभा सांसद वीर सिंह, उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप बालियान, जिला अध्यक्ष सतीश कुमार, पूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और शामली के बसपा जिला अध्यक्ष राकेश कुमार आदि समेत बसपा से जुड़े अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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