पड़ी महंगाई की एक और मार-हाईवे का सफर हुआ महंगा

पड़ी महंगाई की एक और मार-हाईवे का सफर हुआ महंगा

मुजफ्फरनगर। डीजल और पेट्रोल के साथ खाद्य तेल व अन्य आवश्यक वस्तुओं की महंगाई की मार झेल रहे लोगों को कहीं से भी फुर्सत लगती हुई नहीं दिख रही है। अब एनएचएआई ने टोल शुल्क में इजाफा करते हुए दिल्ली देहरादून राजमार्ग के सफर को भी महंगा बना दिया है। टोल प्लाजा पर वाहन चालकों से वसूली जाने वाली नई दरें 1 जुलाई से लागू हो रही है। जिनका सीधा असर बसों में यात्रा करने वालों पर भी पड़ेगा।

दिल्ली से देहरादून या फिर हरिद्वार जाने के लिए एक जुलाई से सफर महंगा होने जा रहा है। अपने निजी वाहन से जाए या फिर रोडवेज की बस से, बढ़ा हुआ किराया तो देना ही होगा। हालाकि यह बढ़ा हुआ किराया टोल के रूप में होगा। एनएचएआई ने टोल प्लाजा पर वसूली जाने वाली टोल टैक्स की बढ़ी दरें लागू कर दी हैं जो कि एक जुलाई से प्रभावी होगी। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले साल एनएचएआई ने टोल टैक्स की दरें नहीं बढ़ाई थी। लेकिन इस बार एनएचएआई ने कुछ दिन पहले ही टोल टैक्स की दरों को बढ़ाने के संकेत दिए थे। इन संकेतों के बाद टोल प्लाजा के अधिकारी एनएचएआई के निर्देशों का इंतजार कर रहे थे।

शनिवार की रात एनएचएआई ने नई दरें लागू कर दी है जो आगामी एक जुलाई से प्रभावी होगी। एक जुलाई से अब दिल्ली से देहरादून या हरिद्वार जाने के लिए सिवाया टोल पर बढ़ी दर से टैक्स देना होगा। एनएचएआई ने इस बार भी टोल दरों में पांच से 40 रुपये की वृृद्धि की है। हालांकि लोकल वाहन चालकों को राहत दी गई है। इस वर्ष भी स्थानीय वाहन चालकों से 20 रुपये की दर ही रहेगी। टोल प्लाजा पर कार जीप एवं वेन चालकों या मालिकों को 85 रूपये के स्थान पर 95 रूपये देने होंगे। हल्के वाणिज्य वाहनों से 155 रूपये के स्थान पर 165 रूपये वसूले जाएंगे। ट्रक व बस चालकों को 310 रूपये के स्थान पर 335 रूपये चुकाकर ही हाईवे से गुजरना होगा। मल्टी एक्सेल वाहन 500 रूपये के स्थान पर अब एक जुलाई से 540 रूपये का टोल अदा करेंगे। दूसरी तरफ देखा जाए तो एनएचएआई द्वारा बढ़ाई जा रही टोल की दरें दुर्घटनाओं में भी इजाफा कर रही हैं।

दिल्ली देहरादून राजमार्ग पर दौराला के समीप ग्राम सिवाया स्थित टोल प्लाजा पर वसूली जाने वाली धनराशि से बचने के लिए लोग आजकल चैधरी चरण सिंह गंग नहर पटरी मार्ग का सहारा ले रहे हैं। हालांकि कहने को तो गंगनहर पटरी मार्ग का सफर हाईवे के मुकाबले कम दूरी का बताया जाता है। लेकिन भारी संख्या में इस मार्ग पर चलने के पीछे कहीं ना कहीं टोल प्लाजा पर वसूली जाने वाली धनराशि ही एक बहुत बड़ा कारण है। गंग नहर पटरी मार्ग पर चलना क्षेत्रीय लोगों की तो मजबूरी कही जा सकती है। लेकिन दिल्ली-मुजफ्फरनगर या देहरादून हरिद्वार का सफर करने वाले लोगों के लिए इसका सफर टोल बचाना ही कहा जा सकता है। क्योकि यह रास्ता अनेक दुश्वारियां भरा है। हालांकि सड़क मार्ग तो चलने के लिए ठीक-ठाक है लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह कहीं से भी सुरक्षित दिखाई नहीं पड़ता। टोल टैक्स बचाने के लिए हैवी वाहन भी अब भारी संख्या में इसी मार्ग से गुजरते हैं जिसके चलते गंगनहर पटरी मार्ग पर दुर्घटनाओं की संख्या में रोजाना इजाफा होता जा रहा है।

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