ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में मंदी की मार भाड़ा न मिलने से खड़े हो गए ट्रक

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में मंदी की मार भाड़ा न मिलने से खड़े हो गए ट्रक
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मुजफ्फरनगर । गत काफी दिनों से चल रही मंदी की मार से बाजार बेजार है, जिसका असर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर भी पड़ा है। खासकर बड़े ट्रकों (दस या उससे भी अधिक टायर वाले) पर मंदी की मार ज्यादा है। जिले में काफी अधिक संख्या में ट्रक बिना भाड़े के खड़े हैं।



कभी सबसे फायदे का धंधा माना जाने वाला ट्रांसपोर्ट व्यवसाय वर्तमान में मंदी की मार झेलते-झेलते बर्बादी के कगार पर है। इससे सभी ट्रांसपोर्टर प्रभावित हैं। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी चौधरी बीरपाल सिंह का कहना है कि पहले बेरोजगार लोग बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं से लोन लेकर ट्रक आदि खरीद लेते थे और और फिर उससे कमाई करके लोन चुकाने सहित अपना गुजर-बसर ठीक से कर लेते थे। उसके अनुसार ट्रांसपोर्ट का धंधा उधार लेकर नगद कमाने वाला था, लेकिन सरकार की गलत नीतियों और मंदी की मार के चलते बर्बाद होने के कगार पर है।



प्रमुख ट्रांसपोर्ट व्यवसायी सत्यप्रकाश गुप्ता के अनुसार मंदी के चलते अब व्यापारी न तो बाहर से ज्यादा माल मंगा रहे हैं और न ही बाहर ज्यादा माल भेज रहे हैं। बड़े व्यापारी भी आठ और दस टायरा ट्रकों के बजाय छोटे वाहनों से माल मंगाने और भेजने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भाड़ा न मिलने से ट्रक खड़े हो गए हैं, जिससे एक ओर तो चालक और खलासी बेरोजगार हो गए हैं, दूसरी ओर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से गाड़ियों के खर्च टैक्स आदि सहित लोन चुकाने में दिक्कते आ रही हैं।



जानकारों की मानें तो एक-डेढ़ महीने से कारोबारी बड़े वाहनों से माल मंगाने से बच रहे हैं, क्योंकि पहले की अपेक्षा माल की खपत कम हो गयी है और इसके चलते व्यापारी छोटे वाहनों से ही कम माल मंगाकर काम चला रहे हैं। कमाई बंद हो जाने से ट्रांसपोर्टरों पर इएमआई और टैक्स का बोझ बढ़ता जा रहा है।



चालक और खलासी के सामने भी जीवकोपार्जन का संकट खड़ा हो गया है। डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी कोढ़ में खाज का काम किया है और इससे भी ट्रांसपोर्ट के कारोबार को झटका लगा है। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी सत्यप्रकाश गुप्ता का कहना है कि अब ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में तभी सुधार हो सकता है, जब सरकार कोई नीति बनाकर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय का संरक्षण करें। उन्होंने सरकार से इस ओर ध्यान देने की गुहार लगायी है।

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