जनपद में बर्ड फ्लू का कोई प्रभाव नहीं है फिर भी हमे सतर्क रहने की जरूरत है : डीएम

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अस्वाभाविक ढंग से जंगली पक्षियों की मौत की सूचना तत्काल आसपास के वन व पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दे । जिलाधिकारी

जलाशयों के समीप आने वाले प्रवासी पक्षियों एवं कुक्कुट फार्मो की निरन्तर कडी चौकसी रखें।जिलाधिकारी


मुजफफरनगर। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि ने कहा कि जनपद में बर्ड फ्लू का कोई प्रभाव नहीं है फिर भी हमे सतर्क रहने की जरूरत है विशेषकर पशुपालन विभाग के अधिकारी जिले में पोल्ट्री फार्म(कुक्कुट फार्म) के स्वामियों से सम्पर्क स्थापित कर उन्हें बचाव के उपायों के सम्बन्ध में जागरूक करें। जिलाधिकारी ने कहा कि इन कुक्कुट फार्मो में अधिक संख्या में कुक्कुट मौजूद रहते हैं इसलिए सम्बंधित फार्मो की साफ-सफाई की बहुत अधिक जरूरत है क्योंकि हर रोज कुक्कुट जिले से अन्य जिलों को भेजे जाते है तथा अन्य जनपदों से हमारे जिले में भी कुक्कुट आते हैं इस कारण पोल्ट्री फार्मो को बहुत अधिक चौकसी बरतनी होगी। उन्होने कहा कि हाईलोपैथीजेनिक एवियन इन्फ्लूएन्जा के आउटबे्रक की स्थिति में जो क्रमबद्ध कार्यवाही की जानी हे उसका वर्णन भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये ऐक्षन प्लान में किया गया है। उन्होने कहा कि एवियन इन्फ्लूएन्जा के विषय में सख्त जैव सुरक्षात्मक उपायो को क्रियान्वयन में लाना होगा।



जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे आज यहां कलैक्ट्रेट सभागार में बर्ड फ्लू के सम्बन्ध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों/पशु चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक कर रही थी।






उन्होने कहा कि बर्ड फ्लू रोकने के लिए आर्गेनाइल्ड पोल्ट्री फार्म वाटरबाडीज के निकट स्थित नही होने चाहिए। उन्होने कहा कि सभी आर्गेनाईज्ड पोल्ट्री फार्म में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए जिससे कि जंगली पक्षी, कुछ स्तर तक रोडेन्ट्रस तथा दूसरे कीडे-मकौडे पोल्ट्री फार्म के शेड में प्रवेश न कर सके।


उन्होने कहा कि बिल्डिंग का निर्माण इस तरह से करना चाहिए कि आसानी से समय-समय पर साफ सफाई की जा सके तथा जब जरूरत हो कि डिसडन्फे्शन भी ठीक ढंग से किया जा सके।


जिलाधिकारी ने कहा कि गैर जरूरती आगन्तुक तथा टीके के प्रतिनिधियों के फार्म के अन्दर प्रवेश पर नियंत्रण होना चाहिए। उन्होने कहा कि फार्म को रोजमर्रा की गतिविधियां में लगे हुए पर्सनल्स स्टाफ जैसे साफ सफाई करने वाले कर्मचारी, डिलिवरी पर्सनल, अन्य कार्य में लगे पशुचिकित्सकों, वैज्ञानिकोतथा राज्य स्वास्थ्य स्टाफ को निर्धारित उपयुक्त डेर्स किट जिसमें कैप, एप्रन और जूते शामिल हो, प्रयोग मं लाना चाहिए। अगर जूते न बदल पाते हो तो जूतो को लम्बे हम्थे वाले स्क्रब ब्रुर्श से रगड कर सा करना चाहिए जिससे उस पर से कूडा-करकट व मलमूत्र इत्यादि न चिपका रहे तथा कपडे भी लाॅड्री से साफ कराकर तथा डिसइन्फेक्ट कराकर प्रयोग में लाना चाहिए।



जिलाधिकारी ने कहा कि बिना जरूरत ब्रीडिंग फार्म स्टाफ को दूसरे फार्म में घूमने पर रोक लगानी चाहिए। अगर बहुत आवश्यक है तो सभी सुरक्षात्मक उपायों को अपनाकर फार्म का दौरा करना चाहिए।


जिलाधिकारी ने कहा कि फार्म स्टाफ को बर्ड शो में हिस्सा नही लेना चाहिए या इसी प्रकार किसी अन्य प्रदर्षन जिसमें दूसरे प्रकार के पक्षी हो या किसी दूसरे फार्म के पक्षी उपस्थित हो। उन्होने कहा कि सभी गाडियों कें पार्किंग के लिए एक जगह निर्धारित होनी चाहिए, इनके परिसर में प्रवेश पर व बाहर जाने पर डिसइन्फेशन किया जाना चाहिए। गाडियों को चलाने वाले ड्राईवर के परिसर में घूमने पर प्रतिबन्ध होना चाहिए तथा वह पार्किंग एरिया में गाडी के आसपास सीमित रहे।


जिलाधिकारी ने कहा कि अन्य दूसरे फार्माे से यंत्रो, आपूर्ति व स्टाक को, जहां तक संभव हो फार्म पर न मगाया जाये, अगर अत्यन्त आवष्यक हो तो जैव सुरक्षात्मक तरीका अपनाते हुए डिसइन्फेशन(विसंक्रमण)की कार्यवाही करते हुए अनुमति देनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि केवल निस्तारणीय एग ट्रे तथा एग बाक्स को फार्म से हैचरी भेंजना चाहिए या पुनः उपभोग होने वाले डिब्बो का निकास द्वार पर विसंक्रमण कर भेजना चाहिए। उन्होने कहा कि लकडी के पैलेट्स व अंडे के गत्ते के कार्टून को उपयुक्त ढंग से साफ व विसंक्रमण नही किया जा सकता है। उन्होने कहा कि इन्हें अलग अलग प्रयोग करना चाहिए।



जिलाधिकारी ने कहा कि खाद्य पदार्थ(आहार) व जल संक्रमण के स्त्रोत हो सकते है अतः आहार परीक्षण किया होना चाहिए तथा जल स्वच्छ व सुरक्षित होना चाहिए। उन्होने कहा कि फार्म परिसर को समय समय पर व निष्चित अन्तराल पर विसंक्रमित करते रहना चाहिए विषेशकर उस समय अवश्य करना चाहिए जब नये स्टाक आ रहे हो। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि बिल्डिंग या शेड के 6 फिट के रिंग या एरिया किसी प्रकार के पेड-पौधे आर्गेनिक मैटर/लिटर, पंखो, कूडा-करकट, सडे व संदूषित व निस्तारित पदार्थो से मुक्त होना चाहिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि पक्षियों को हैन्डलिंग से पूर्व व बाद में हाथ को विसंक्रमण करने वाले पदार्थ से साफ करना चाहिए। उन्होने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाह के अनुसार कुक्कुठ व कुक्कुट उत्पाद को इस ढंग से खाद्य पदार्थ बनाये कि इसे हैन्डिल करना चाहिए व उपयुक्त ढंग से पूरी तरह पकाकर खाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। उन्होने कहा कि एच-5 एन वायरस गर्मी/हीट के प्रति संवेदनषील है कुकिंग के सामान्य तापमान(70 सेंटीग्रेट) पर यह मृत हो जाता है।

जिलाधिकारी ने कहा कि एवियन इनफ्लूएन्जा के किसी भी प्रकार के वायरस के प्रवेष को रोकन की एकमात्र कुंजी बायोसिक्योरिटी (जैव सुरक्षा) उपाय को प्रयोग में लाकर विभिन्न पोल्ट्री फ्लाक व अन्य पक्षियों क सम्पक्र से बचा जा सकता है। उन्होने कहा कि जल तथ कुक्कुट के आहार की आपूर्ति इस प्रकार से सुनिष्चित होनी चाहिए कि यह किसी भी तरह पक्षी के मलमूत्र से संदूषित न हो। उन्होने कहा कि कुक्कुट व बत्तख व टर्की तथा सूकर पालन मिश्रित ढंग से या आसपास न किया जाये तथा जंगली पक्षी कुक्कुट के आसपास न जाये। उन्होने कहा कि रोग क फैलाव को प्रभावी नियंत्रण के लिए त्वरित पहचान अत्यन्त आवष्यक है। इसलिए बैकयाड्र पोल्ट्री के मालिकों को एवियन इनफ्यूएन्जा के लक्षणों से अवगत व एलर्ट रहना चाहिए तथा पक्षियों की अस्वाभाविक व अचानक मृत्यु व बीमारी होने पर पास के पषु चिकित्सा अथारिटी को तुरन्त सूचित करना चाहिए।



जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय व स्वैच्छिक सवेलिन्स किया जाना चाहिए। पोल्ट्री मालिकों के उस भाग का जहां उनके फार्म के आस पास जलाशय या नम भूमि या ऐसे भाग जहां जंगली पक्षी प्रवासन करते हो अस्वाभाविक ढंग से जंगली पक्षियों की मौत की सूचना तत्काल आसपास के वन व पषुपालन विभाग के अधिकारियों को तत्काल देनी चाहिए।

बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित पशु चिकित्साधिकारी व टास्क फोर्स समिति के सदस्य उपस्थ्ति थे।


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