एमपी में तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

एमपी में तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

भोपाल। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने ही कहर बरपा किया, तीसरी लहर का नाम सुनकर ही शरीर में कंपकंपी आ जाती है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं।

दरअसल, भोपाल में कोरोना की दूसरी लहर ने दस साल तक के बच्चों पर बुरी तरह से हमला किया है। कोरोना का भारतीय वैरियंट इतना खतरनाक होगा, यह किसी ने सोचा भी नहीं था। भारत बायोटेक जल्द ही 2-18 के आयुवर्ग के लिए वैक्सीन ट्रायल शुरू कर सकता है। एक्सपर्ट पैनल ने इस वर्ग के लोगों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के दूसरे तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की सिफारिश की है। खास बात है कि फार्मा कंपनी ने कुछ समय पहले ही इन ट्रायल्स की अनुमति मांगी थी। फिलहाल एक्सपर्ट्स चिंता जता रहे हैं कि तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित कर सकती है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी यानि एसईसी ने इसी 11मई को क्लीनिकल ट्रायल्स की सिफारिश की है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने 2 से 18 साल के लोगों में सुरक्षा, प्रभावों और रोग प्रतिरोधक क्षमता की जानकारी का पता लगाने के लिए ट्रायल्स की अनुमति मांगी थी। खबर है कि यह ट्रायल एम्स दिल्ली, एम्स पटना समेत कई स्थानों पर 525 सब्जेक्ट्स पर किया जाएगा। गहन विचार विमर्श के बाद कमेटी ने 2 से 18 साल के आयुवर्ग के लिए फेज 2-3 के ट्रायल करने की सिफारिश की है कि कंपनी स्टडी का फेज 3 ट्रायल शुरू करने से पहले सीडीएससीओ को डीएसएमबी सिफारिशों के साथ फेज 2 क्लीनिकल ट्रायल का सेफ्टी डेटा जमा करेगी। इससे पहले कंपनी को 24 फरवरी को आयोजित हुई एसईसी की मीटिंग में कंपनी को रिवाइज्ड क्लीनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल जमा करने के लिए कहा गया था।

पता चला है कि भोपाल में तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी अभी से की जा रही है। शहर के पांच मेडिकल कॉलेज में 1885 ऑक्सीजन बेड बढ़ेंगे। हमीदिया अस्पताल, चिरायु आरकेडीएफ, एलएन मेडिकल और पीपुल्स कॉलेज में अभी 2855 बेड हैं। बच्चों के लिए अलग-अलग आईसीयू बेड रिजर्व रखे जाएंगे। मेडिकल कॉलेज खुद के ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट के साथ स्टोरेज प्लांट की क्षमता बढ़ाएंगे। यही नहीं, बच्चों के लिए 50 बेड का आईसीयू वार्ड बन रहा है, तो वहीं ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ रही संख्या के मद्देनजर ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल बनाया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी के मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग वार्ड बनाए जा रहे हैं।

मध्घ्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दूसरी लहर में कोरोना वायरस का कहर बच्चों पर जारी है। अब तक 14 साल तक के बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं, जबकि तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। ऐसे में भोपाल का अब शासन-प्रशासन तैयारियों में युद्ध स्तर पर जुट गया है।

मध्य प्रदेश की राजधानी में दूसरी लहर में अब तक 14 साल तक के 2699 बच्चे पॉजिटिव हुए हैं और इनका शहर में 26 मुख्य अस्पतालों में इलाज हो रहा है। बच्चों के लिए इलाज के लिए शहर के 170 विशेषज्ञ डॉक्टर, 27 डेडिकेटेड चाइल्ड हॉस्पिटल, बच्चों के इलाज वाले 121 अस्पताल, एसएनसीयू पीआईसीयू बेड की संख्या 500, जनरल वार्ड में बच्चों के बेड की संख्या 800 और बच्चों के लिए वेंटिलेटर 125 हैं। इस प्रकार कोरोना की दूसरी लहर में शहर में हालात कंट्रोल में आने लगे हैं। हालांकि अभी भी ग्रामीण इलाकों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। एक दिन में अब तक सबसे कम मौत का आंकड़ा सामने आया है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत भोपाल में ही एक दिन में 59 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। भदभदा विश्राम घाट में 36 और सुभाष विश्राम घाट में 21 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि झदा कब्रिस्तान में दो शवों को दफनाया गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना से 5 मौतें हुई हैं, जबकि सोमवार को 93 मौत हुई थीं।

किसी को यकीन नहीं था कि भारत में मिले कोरोना वायरस वैरिएंट इतने घातक साबित होंगे। अब इसकी पुष्टि विश्व के दर्जनों देशों में भी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की जानकारी 12मई को दी है। स्वास्थ्य एजेंसी का मानना है कि भारत में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों के पीछे बी.1.617 वैरिएंट जिम्मेदार है। खास बात है कि भारत के अलावा ब्रिटेन में इस वैरिएंट के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। भारत में बीते मार्च के बाद से ही संक्रमण के मामलों का ग्राफ तेजी से ऊपर जाने लगा था। डब्ल्युएचओ ने कहा है कि कोविड-19 का बी.1.617 वैरिएंट डब्ल्युएचओ के सभी 6 क्षेत्रों में 44 देशों से एक ओपन एक्सेस डेटाबेस में अपलोड हुए 4500 से ज्यादा सैंपल्स में पाया गया है। भारत में पहली बार यह वैरिएंट बीते अक्टूबर में मिला था। महामारी पर साप्ताहिक अपडेट में डब्ल्युएचओ ने कहा कि उसको 5 अतिरिक्त देशों में भी मामलों की रिपोर्ट्स मिली हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में संस्था ने इस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न बताया था।

टीकाकरण पहला कदम है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश के टीकाकरण संचालक डॉ संतोष शुक्ला ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी और जिलों के टीकाकरण अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण करने से एक दिन पहले सुबह 9 से 11 के बीच कोविन पोर्टल पर ऑनलाइन बुकिंग करें । प्रदेश में 5 मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ है। इस दौरान अब तक यह देखने को मिला है कि जिलों में कोविन पोर्टल पर ऑनलाइन बुकिंग का कोई भी समय निर्धारित नहीं किया गया है। इसकी वजह से लोगों को स्लॉट बुक करने में परेशानी हो रही है। बीती 5 मई को जब 18 प्लस टीकाकरण की शुरुआत की गई थी, उस दौरान प्रदेश के हर जिले में सेंटर पर 100 लोगों को वैक्सीन लगायी जानी थी, जिन्हें बुकिंग के बाद मैसेज आए थे उनका ही वैक्सिनेशन हो पाया। इसके बाद सरकार ने जिलों में टीकाकरण केंद्र बढ़ाए। राजधानी भोपाल में 15 से ज्यादा टीकाकरण केंद्र बनाए गए। इन केंद्रों पर 100 लोगों को 18 प्लस के तहत टीका लगाया जा रहा है। इसके लिए कोविन पोर्टल और आरोग्य सेतु एप पर एक दिन पहले बुकिंग करनी पड़ती है। अभी दिक्कत इस बात की थी कि लोगों को यह जानकारी नहीं थी कि उन्हें अपने वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट कब बुक करना है। अब इसे शासन ने आसान कर दिया है।

बहरहाल, हमें कोरोना वायरस की तीसरी लहर का सामना करने के लिए उसी तरह तैयारी करनी है, जैसे चैहान की सरकार कर रही है। (हिफी)

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