पुरुषों की मस्ती पर ब्रेक- लिव इन ब्रेक पर देना होगा भरण पोषण

पुरुषों की मस्ती पर ब्रेक- लिव इन ब्रेक पर देना होगा भरण पोषण

भोपाल। हाईकोर्ट में लिव इन रिलेशनशिप के नाम पर पुरुषों एवं महिलाओं की मौज मस्ती पर लगाम लगाते हुए हाईकोर्ट द्वारा महिलाओं के हक में सुनाएं बड़े फैसले में कहा है कि लंबे समय तक रिश्ते में रहने वाली महिला अलग होने पर भरण पोषण की हकदार होगी। भले ही वह कानूनी रूप से विवाहित नहीं हो।

शनिवार को पश्चिमी सभ्यता के मुताबिक देश में तेजी से बढ़ रहे लिव इन रिलेशनशिप को लेकर एक मामले में सुनाएं बड़े फैसले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में रिलेशनशिप में रह रही महिलाओं के हक में एक बड़ा फैसला सुनाया है।

उच्च न्यायालय ने लिव इन रिलेशनशिप में महिलाओं के अधिकारों को मान्यता देने की दिशा में सुनाए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी पुरुष के साथ काफी लंबे समय तक रिश्ते में रहने वाली महिला अलग होने पर हरण पोषण की हकदार होगी। भले ही महिला और पुरुष कानूनी रूप से विवाहित नहीं हो।

यह फैसला याचिका करता शैलेश बापची की याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनाया है। शैलेश बापची ने जिला अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें अदालत ने उसे महिला को 1500 रुपए का मासिक भत्ता देने का आदेश दिया था, वह उस महिला के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहता था, जिसे अदालत ने 1500 रुपए का गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था।

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