कोर्ट का सुप्रीम फैसला- नसबंदी वह टीकाकरण के बाद छोडे जाएंगे कुत्ते
स्वयंसेवी संस्थाओं को कोर्ट रजिस्ट्री में कम से 25000 और ₹200000 जमा करने होंगे।;
नई दिल्ली। सड़क पर विचरण करते हुए इधर से उधर घूमने वाले कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनाये गए फैसले में कहा गया है कि अभी तक जिन कुत्तों को पकड़ा गया है उन्हें नसबंदी एवं टीकाकरण के बाद ही छोड़ा जाना चाहिए। ऐसे कुत्ते किसी भी दशा में नहीं छोड़े जाएंगे जो रेबीज से संक्रमित है या जिनका व्यवहार आक्रामक हैं।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सड़क पर इधर से उधर घूमने वाले कुत्तों के मुद्दे को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। देश की शीर्ष अदालत ने 11 अगस्त के उस निर्देश पर रोक लगा दी है जिसमें कहा गया था कि जिन आवारा कुत्तों को अभी तक पकड़ा गया है उन्हें थोड़ा नहीं जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अभी तक जिन कुत्तों को पकड़ा गया है उन्हें नसबंदी और टीकाकरण के बाद ही छोड़ जाना चाहिए। अदालत ने यह भी साफ किया है कि ऐसे कुत्ते किसी भी दशा में नहीं छोड़े जाएंगे जो रेबीज की बीमारी से संक्रमित है अथवा जिनका व्यवहार जानलेवा यानी आक्रामक है।
देश की शीर्ष अदालत ने कहा है कि नगर निगम को आदेश की धारा 12, 12.01 और 12.02 का पालन करना होगा, जिसमें कुत्तों को पकड़ कर उन्हें कीड़े मारने की दवा और टीकाकरण आदि करने के बाद उसी इलाके में छोड़ा जाएगा।
जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने की मनाही होगी। कुत्तों को खाना खिलाने के लिए अलग से डेडीकेटेड फीडिंग जोन बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कई घटनाएं गलत तरीके से खाना खिलाने की वजह से हुई है।
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक डॉग लवर्स और स्वयंसेवी संस्थाओं को कोर्ट रजिस्ट्री में कम से 25000 और ₹200000 जमा करने होंगे।