2011 की जनगणना के आधार पर होगा पंचायतों का आरक्षण- राजभर
सपा को 2027 के चुनावों के लिए एक मुस्लिम सीएम उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहिए।;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था 2011 की जनगणना के आधार पर होगी। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक श्रेणी में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जबकि पिछले चुनाव में लागू नियमों में निर्धारित आरक्षण की चक्रानुक्रम प्रणाली का भी पालन किया जाएगा।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि पिछली बार की तरह इस बार भी ग्राम पंचायत की सीटें सामान्य, पिछड़ी, महिला या अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित की गई हैं, लेकिन इस बार सीटों में कुछ फेरबदल हो सकता है। उन्होंने बताया कि नए सिरे से परिसीमन के लिए ग्राम पंचायतों में सर्वेक्षण चल रहा है। उन्होंने कहा कि परिसीमन का काम पूरा होने पर आरक्षण की व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
ओपी राजभर ने कहा कि आरक्षण व्यवस्था में कोटा के भीतर कोटा लागू करने के लिए वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनकी पार्टी एसबीएसपी अकेले ही पंचायत चुनाव लड़ेगी। हमारी पार्टी जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव किसी पार्टी के सिंबल पर नहीं होते। ऐसे में इस चुनाव में गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने दोहराया कि 2027 में पिछड़े वर्ग के सभी नेता एकजुट होकर एनडीए की सरकार बनाएंगे।
एसबीएसपी प्रमुख ने अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि सपा अध्यक्ष ने एक धर्मगुरु की जाति को लेकर विवाद को लेकर इटावा में जातीय संघर्ष को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों को अपमानित करने का काम सपा कार्यकर्ताओं ने किया, लेकिन आजमगढ़ में पार्टी कार्यालय, जिसका नाम पीडीए भवन है, का उद्घाटन पांच ब्राह्मणों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से किया गया। यह स्पष्ट है कि अखिलेश की पीडीए नकली है और असली पीडीए एनडीए के साथ है। उन्होंने दोहराया कि अगर अखिलेश यादव मुसलमानों के सच्चे दोस्त हैं, तो सपा को 2027 के चुनावों के लिए एक मुस्लिम सीएम उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहिए।