गुप्त मतदान से नहीं अब ऐसे होगा महापौर का चुनाव- पार्षद ऐसे डालेंगे

वरिष्ठ उप महापौर तथा उप महापौर के इलेक्शन के दौरान होने वाले हृदय परिवर्तन अब नहीं हो सकेंगे

Update: 2025-06-25 05:50 GMT

चंडीगढ़। महापौर, वरिष्ठ उप महापौर तथा उप महापौर के इलेक्शन के दौरान होने वाले हृदय परिवर्तन अब नहीं हो सकेंगे।भीतरघात को खत्म करने के लिए अब गुप्त मतदान के जरिए नहीं बल्कि पार्षद हाथ उठाकर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में अपना वोट देंगे।

पंजाब के राज्यपाल एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने चंडीगढ़ नगर निगम कार्य प्रक्रिया एवं संचालन विनियम 1996 में संशोधन को अपनी मंजूरी दे दी है।

प्रशासन की ओर से आधिकारिक रूप से जारी किए गए बयान के मुताबिक इस संशोधन के साथ ही अब महापौर, वरिष्ठ उप महापौर और उपमहापौर का चुनाव पहले की तरह गुप्त मतदान पद्धति के स्थान पर पार्षदों द्वारा हाथ उठाकर किया जाएगा।

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि नगर निगम के चुनाव में नई प्रणाली के लागू होने से चुनाव प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता आएगी तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका स्पष्ट हो सकेगी।

उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस बदलाव से नगर निगम की कार्य प्रणाली और प्रशासन में व्यापक सुधार आएगा और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में पब्लिक का विश्वास और मजबूत होगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए चंडीगढ़ महापौर के चुनाव के दौरान उस समय बड़ा विवाद खड़ा हो गया था, जब तत्कालीन पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस गठजोड के पक्ष में पड़े 8 मतों को अमान्य करार दिया था और इस मामले का वीडियो वायरल हो गया था।

महापौर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा देश की शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने महापौर के उस इलेक्शन को अमान्य करार दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की जीत को कैंसिल करते हुए आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट कुलदीप कुमार को महापौर के पद पर विजई डिक्लेयर किया था।

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