भारत के स्टार्टअप आंदोलन में आईआईटी रुड़की का अहम योगदान- डाॅ जितेंद्र
इस संस्थान ने वर्षों से अपने मानकों को कितनी उल्लेखनीय निरंतरता के साथ बनाए रखा है।”
रुड़की, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के दीक्षांत समारोह को संबंधित करते हुए कहा, “देश भर में 1.7 लाख स्टार्टअप्स में से लगभग 240 स्टार्टअप्स के साथ, आईआईटी, रुड़की भारत के स्टार्टअप आंदोलन में एक बड़ा योगदान दे रहा है।”
डॉ. सिंह ने कहा कि आपके नौ उत्कृष्टता केंद्र, आपदा जोखिम, लचीलापन एवं स्थिरता के क्षेत्र में आपका अग्रणी कार्य, एवं वाइब्रेंट विलेज जैसी पहलों के माध्यम से स्थानीय समुदायों के साथ आपकी गहरी भागीदारी आपको एक शैक्षणिक संस्थान का सच्चा आदर्श बनाती है।
उन्होंने आईआईटी, रुड़की की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिमालय में स्थित होने के कारण, आपकी भूमिका न केवल आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण है, बल्कि उस समय भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जिसे मैं 'शांतिकाल' कहता हूँ, जहाँ आपके जैसे संस्थान राष्ट्र के लिए लचीलापन, स्थिरता एवं विकास का निर्माण करने में सहायता करते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रोफेसर कमल किशोर पंत की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, “संस्थान को लगातार चौथे वर्ष भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा सर्वाधिक नवोन्मेषी संस्थान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। साथ ही स्टैम में महिलाओं की उत्कृष्टता के लिए कार्टियर अचीवर पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। जबकि कल शाम ही, राष्ट्रीय रैंकिंग में, आप छठे स्थान पर रहे। यह अपने आप में इस बात का पर्याप्त प्रमाण है कि इस संस्थान ने वर्षों से अपने मानकों को कितनी उल्लेखनीय निरंतरता के साथ बनाए रखा है।”
समारोह में कुल 2,614 छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गई। जिनमें 1,267 स्नातक, 847 स्नातकोत्तर एवं 500 पीएचडी शोधार्थी (संयुक्त एवं दोहरी उपाधियों सहित) शामिल हैं। इनमें 602 छात्राएँ भी सम्मिलित हैं। अध्यक्षता अभिशासक परिषद अध्यक्ष डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी ने की। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर (डॉ.) निर्मल जीत सिंह कलसी, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व अध्यक्ष, एनसीवीईटी, भारत सरकार, पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंजाब, उपस्थित रहे।