सैकड़ों बीघा जमीन जलमग्न, गन्ने की फसल को भारी नुकसान

पापुलर और गन्ना समेत कई फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं।

Update: 2025-09-23 13:45 GMT

सहारनपुर, सहारनपुर जिले में यमुना किनारे के बेहट, चिलकाना और लखनौती क्षेत्रों के कई गांवों की सैकड़ों बीघा जमीन पानी के बहाव में बहने से पापुलर और गन्ना समेत कई फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय सचिव चौधरी विनय कुमार की अगुवाई में किसानों के एक दल ने जिलाधिकारी मनीष बंसल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपकर पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की मांग की। सूचना के मुताबिक जिले की यमुना किनारे की करीब एक हजार बीघा जमीन जलकटाव की भेंट चढ़ गई और उस पर खड़ी फसल भी पानी में बह गई। खेतों पर गन्ने और पापुलर की खेती लहलहा रही थी। वह भी कटान की भेंट चढ़ गई।

गांव टोडरपुर भोंखड़ी के किसान सेठपाल ने बताया कि उसके पास केवल आठ बीघा कृषि भूमि थी उस पर पापुलर और गन्ने की फसल लहरा रही थी। पूरी जमीन और फसल यमुना में जलकटाव में बह गई। पुंडाकलां गांव निवासी मशरूर राणा की तीस बीघा जमीन जलकटाव की भेंट चढ़ गया। उसका सब कुछ खत्म हो गया। जोधेबांस निवासी किसान सर्वेश काम्बोज की जमीन पर करीब पांच लाख के पेड़ खड़े थे। जमीन और फसल दोनों ही पानी में बह गई।

किसान ने बताया कि पेड़ बेचकर उसे अपनी बेटी की शादी करनी थी और बेटे की कोचिंग की फीस भरनी थी। वह इससे महरूम हो गया। किसान ईश्वरचंद ने बताया कि उसकी तिल की फसल और पापुलर के पेड़ पानी में बह गए।

जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि राजस्व विभाग किसानों की फसलों के हुए नुकसान का जायजा ले रहा है और नियमानुसार उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक यमुना में आई बाढ़ से चिलकाना क्षेत्र के गांव टोडरपुर भोखड़ी में 140 बीघा जमीन पानी में बही। इसमें मोहन सिंह की छह बीघा, विकास कुमार की सात बीघा, सेठपाल की पांच बीघा, विक्रम सिंह की चार बीघा, रघुवीर की सात बीघा, जगपाल और रमेश की छह छह बीघा, अच्छे सिंह की 15 बीघा जमीन शामिल है। गांव आल्हाड़पुर, सोंधेबांस, राजदीनपुर, टापू और मजहार गांव के किसानों की 50 बीघा जमीन यमुना में समा गई।

लखनौती क्षेत्र के कुंडा कलां, सनौली, दौलतपुर, नाई माजरा, हलवाना, बेगी के गांवों की 500 बीघा जमीन यमुना में समा गई। इस जमीन पर उड़द और गन्ने की फसल खड़ी थी। गांव कुंडा कलां के जगपाल की 16, हाजी वकील की 20, साजिदा, मोहसिन, वसीम, शमशीर, सलीम की 36 बीघा जमीन, इलियास की 10 बीघा, शाहनवाज की 10 बीघा, मजीद, जिंदा और भोला प्रधान की बीस बीस बीघा जमीन यमुना की भेंट चढ़ गई। तासीन की तीस बीघा, जगबार की 16 बीघा जमीन भी पानी में बह गई।

बेहट तहसील क्षेत्र में गांव जोंधेबास में 300 बीघा जमीन पानी के कटाव में बह गई। ईश्वरचंद की 20 बीघा भूमि पर तिल और पापुलर की फसल थी। सुरेशपाल और गुलाल की 15-15 बीघा जमीन पर गन्ने और पापुलर की खड़ी फसल तबाह हो गई और जयपाल की आठ बीघा जमीन पर चारा और पापुलर खत्म हो गया। महिला की सात बीघा जमीन पर गन्ना और पापुलर खड़ा था। इस तरह से बीते मानसून ने सहारनपुर के यमुना के तटवर्ती गांवों के सैकड़ों किसानों को मानसून कंगाल कर गया।

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