चुनाव से पहले हुई हिंसक घटनाओं का संज्ञान ले चुनाव आयोग- मायावती

चुनाव आयोग अगर अभी से ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह शान्तिपूर्ण चुनाव संचालन हेतु बेहतर होगा।;

Update: 2025-07-07 15:04 GMT

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने चुनाव आयोग से अपील की है कि बिहार विधानसभा के शांतिपूर्ण चुनाव के लिये आयोग को हाल ही में घटित हिंसक घटनाओं को ध्यान में लेकर उचित कदम उठाना चाहिये।

मायावती ने सोमवार को कहा कि बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण के दौरान हिंसक घटनाक्रम किसके और किसकी स्वार्थ की पूर्ति के लिए किया जा रहा है, इसको लेकर राज्य की गठबंधन सरकार कठघरे में है और आगे चलकर राज्य के राजनीतिक समीकरण व चुनाव पर इसका असर देखने वाला होगा।

उन्होने एक्स पर लिखा कि वैसे तो बिहार में ख़ासकर दलितों, अति-पिछड़ों, शोषितों, ग़रीबों और उनकी महिलाओं आदि के विरुद्ध जुल्म-ज्यादती, हत्या एवं जातिवादी शोषण तथा इन वर्गों के लोगों को उनके हक़ से वंचित रखने के मामले हमेशा काफी चर्चा का विषय रहे हैं, लेकिन राज्य में विधानसभा आमचुनाव से पहले हिसंक वारदातों व हत्याओं के जारी रहने के क्रम में शासित दल भाजपा के ही एक प्रमुख उद्योगपति व नेता गोपाल खेमका की राजधानी पटना में हाल में हुई सनसनीखेज़ हत्या ने राज्य में कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति को भी नये तरीके से गर्मा दिया है, जिस खून-खराबे के सम्बंध में चुनाव आयोग अगर अभी से ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह शान्तिपूर्ण चुनाव संचालन हेतु बेहतर होगा।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण के दौरान यह सब हिंसक घटनाक्रम किसके द्वारा किसके स्वार्थ की पूर्ति के लिए किया जा रहा है, इसको लेकर ना केवल राज्य की गठबंधन सरकार कठघरे में है, बल्कि इसको लेकर राजनीति काफी गर्म है कि आगे चलकर राज्य के राजनीतिक समीकरण व चुनाव पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात है। उन्होने कहा कि वैसे हमारी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), विशेषकर दलितों, अन्य पिछड़ों, वंचितों, शोषितों, ग़रीबों व मज़दूरों आदि बहुजनों की पार्टी है जो अपने कैडर व शुभचिन्तकों के तन, मन, धन के बूते पर राजनीति करने के सिद्धान्त व नीति के तहत् बिहार विधानसभा का आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर लड़ रही है, और इसीलिए चुनाव आयोग से अपील है कि बिहार चुनाव को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के साथ-साथ बाहूबल, धनबल व अपराध बल आदि से मुक्त कराने के लिए जो भी सख़्त कदम उठाने की ज़रूरत हो तो वह समय से अवश्य उठाए ताकि चुनाव अभियान स्वतंत्र व निष्पक्ष साबित हो।

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