बीजद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प, कई हुए घायल

शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज के इस्तीफे की मांग को लेकर बीजद ने जुलूस निकाला था।;

Update: 2025-07-17 13:48 GMT

भुवनेश्वर, ओडिशा के भुवनेश्वर में लोअर पीएमजी स्क्वायर के पास बीजू जनता दल (बीजद) कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं जिसमें पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता घायल हो गये। घटना के समय बीजद कार्यकर्ता फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की छात्रा सौम्यश्री बिसी की मौत के विरोध में लोक सेवा भवन का घेराव करने जा रहे थे। सुश्री बिसी की मौत की न्यायिक जांच और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज के इस्तीफे की मांग को लेकर बीजद ने जुलूस निकाला था।

प्रदर्शनकारियों ने बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्रा सौम्यश्री की कथित आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया, जिसने 12 जुलाई को आत्मदाह के प्रयास किया था और 15 जुलाई की रात को यहां स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान उसने दम तोड़ दिया था।पुलिस को सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों की और आंसू गैस के गोले दागे। राज्य सचिवालय की ओर जा रहे प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और सुरक्षा कर्मियों से भिड़ गये।

सुश्री सौम्यश्री ने कथित तौर पर 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में आत्मदाह का प्रयास किया था और वह 90 प्रतिशत तक जल गयी थी। उसने सहायक प्रोफेसर समीर रंजन साहू पर मानसिक और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिन्हें निलंबित कर दिया गया है और बाद में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।बीजद के छात्र, युवा और महिला विंग के सदस्यों का विरोध प्रदर्शन मास्टर कैंटीन स्क्वायर से शुरू हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने इस मामले के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को दोषी ठहराया और एक कार्यरत न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच की की मांग की।प्रदर्शनकारियों ने पहले पुलिस बैरिकेड को तोड़ दिया और लोअर पीएमजी स्क्वायर के पास दूसरे को तोड़ने का प्रयास किया तो तनाव बढ़ गया। बार-बार चेतावनी के बावजूद जब आंदोलनकारियों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया, तो पुलिस ने पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान बीजद के पूर्व विधायक प्रणब प्रकाश दास और प्रीतिरंजन घाडेई घायल हो गये। साथ ही पार्टी की कई महिला नेताओं को भी झड़प के दौरान चोटें आयीं। बाद में पुलिस ने सैकड़ों बीजद नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, जिन्होंने धरना दिया और इलाका खाली करने से इनकार कर दिया!

इसके अलावा बीजद ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग को लेकर बालासोर जिले में सुबह छह बजे से अपराह्न दो बजे तक यानी आठ घंटे का बंद रखा। बंद के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दुकानें, कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे और वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुयी। बीजद कार्यकर्ताओं ने सोरो और बालासोर रेलवे स्टेशनों पर 'रेल रोको' प्रदर्शन भी किया, जिसके कारण ट्रेन सेवाएं बाधित हुयीं।

ओडिशा सरकार ने पहले ही इस घटना की अपराध शाखा से जाँच कराने के आदेश दे दिए हैं और मृतक छात्रा के परिवार को 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इस मामले में एफएम कॉलेज के प्रधानाचार्य दिलीप घोष और सहायक प्रोफेसर समीर रंजन साहू को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है।इसके अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रोफेसर राज मिथल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया है, जिसमें सुषमा यादव, निरजा गुप्ता और असीमा मंगला सदस्य हैं। समिति को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

इस बीच, कांग्रेस और सात अन्य विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और विभिन्न वामपंथी दलों ने संयुक्त रूप से 17 जुलाई को ओडिशा बंद का आह्वान किया है। वे मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के इस्तीफे और एक कार्यरत न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जाँच की भी माँग कर रहे हैं।

बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने लोकसेवा भवन घेराव आंदोलन के दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस के हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं पुलिस के बल प्रयोग को बर्बर बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना में कई बीजद कार्यकर्ता और आम लोग घायल हुए हैं। उन्होंने पुलिस हमले में घायल हुए सांसद सुलता देव, पूर्व मंत्री प्रणब प्रकाश दास और पृथ्वी रंजन घाडेई से फोन पर बात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

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