RJD और कांग्रेस को बड़ा झटका- 3 MLA 1 पूर्व सांसद BJP में शामिल

पटना में आयोजित समारोह में तीन विधायक और एक पूर्व सांसद ने थामा कमल का दामन, संगीता कुमारी, सिद्धार्थ सिंह, पिंटू कुमार और सुनील पिंटू बने भाजपा के नए चेहरे

Update: 2025-10-14 03:51 GMT

पटना। बिहार की राजनीति में चुनावी सरगर्मी के बीच आज एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला। आरजेडी और कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा जब तीन विधायकों और एक पूर्व सांसद ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ग्रहण कर ली। यह कार्यक्रम पटना स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में हुआ, जहां वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में ‘मिलन समारोह’ आयोजित किया गया।

आज हुए कार्यक्रम में जिन नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा उनमे संगीता कुमारी आरजेडी की विधायक, सिद्धार्थ सिंह कांग्रेस विधायक, जो लंबे समय से पार्टी की कार्यशैली से नाराज़ चल रहे थे, पिंटू कुमार कांग्रेस से विधायक, जो संगठन की अनदेखी और टिकट वितरण में पक्षपात से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही सुनील कुमार पिंटू पूर्व सांसद, जिन्होंने एक बार फिर बीजेपी में वापसी की है। वे पहले भी बीजेपी से सांसद रह चुके हैं और मिथिलांचल क्षेत्र में उनका मजबूत जनाधार माना जाता है।

कार्यक्रम के दौरान सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है, और बिहार को भी विकास की दिशा में ले जाने के लिए हमें बीजेपी का साथ देना चाहिए। संगीता कुमारी ने कहा, “आरजेडी में गुटबाज़ी और परिवारवाद चरम पर है। हम विकास की राजनीति चाहते हैं वहीं सिद्धार्थ सिंह ने कहा, “कांग्रेस अब जनता से दूर होती जा रही है। बीजेपी में आने का फैसला जनता के हित में लिया है।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, और संगठन मंत्री नारायण प्रसाद ने सभी नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि “इनके आने से पार्टी को मज़बूती मिलेगी। यह स्पष्ट संदेश है कि जनता और जनप्रतिनिधि अब विकास की राजनीति के साथ हैं। सम्राट चौधरी ने कहा, “बीजेपी परिवार लगातार बढ़ रहा है। जिन नेताओं ने आज बीजेपी में प्रवेश किया है, वे जनता के बीच अपनी मजबूत पहचान रखते हैं। यह महागठबंधन की कमजोर होती जड़ों का प्रमाण है।

तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने से महागठबंधन (RJD + कांग्रेस) में हड़कंप मच गया है। आरजेडी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व इस घटना से नाराज़ है और इन विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है।राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी इस तरह के संगठन विस्तार अभियान के जरिए विपक्ष की कमज़ोर कड़ी को भांप रही है। इन नेताओं के जुड़ने से बीजेपी को खासकर मिथिलांचल, मगध और सीवान-सारण क्षेत्र में लाभ मिल सकता है।

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