रिन्यूएबल एनर्जी को अर्श तक पहुंचाने में CEL की भूमिका होगी अहम:CM योगी

इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।;

Update: 2025-06-26 14:36 GMT

गाजियाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि 2027 तक उत्तर प्रदेश 20 हजार मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पन्न करेगा, जिसमें सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) की भूमिका प्रमुख होगी।

योगी ने सीईएल के स्वर्ण जयंती समारोह एवं डाटा सेंटर के शिलान्यास के अवसर पर कहा कि यह प्रधानमंत्री के 2070 तक नेट ज़ीरो के संकल्प की ओर एक मजबूत कदम है। उन्होने सीईएल की यात्रा को भारत के औद्योगिक पुनरुत्थान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री मोदी के 2047 के विकसित भारत विजन का प्रमुख स्तंभ बताया और कहा कि सीईएल जैसे संस्थानों के माध्यम से ही नया भारत अपनी शक्ति, तकनीक और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।

उन्होने सीईएल के स्वर्ण जयंती समारोह एवं डाटा सेंटर के शिलान्यास के अवसर पर विधिवत पूजा अर्चना में हिस्सा लिया और प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उन्होने कहा कि सीईएल अब 'अमृत काल' में प्रवेश कर चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ऐसा भी समय था जब अंधकार के बादल मंडरा रहे थे, सीईएल को डिसइनवेस्टमेंट की सूची में डाल दिया गया था। लेकिन आज वही सीईएल एक लाभ कमाने वाली मिनी रत्न कंपनी बन गई है और केंद्र सरकार को लाभांश का चेक सौंप चुकी है। यह परिवर्तन आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रेरणास्रोत है।

मुख्यमंत्री ने सीईएल द्वारा रेलवे, रक्षा, अक्षय ऊर्जा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में किए गए नवाचारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था की प्रौद्योगिकी और इनोवेशन देश को मजबूती दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीईएल द्वारा स्मार्ट क्लासरूम, सिग्नलिंग सिस्टम, रिन्यूएबल एनर्जी मॉड्यूल और डिफेंस उपकरणों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। उन्होने कहा कि देश का पहला सोलर फोटोवोल्टिक माड्यूल सीईएल ने तैयार किया था और आज वह भारत का पहला ग्रीनफील्ड डाटा सेंटर भी स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़े उपकरण भी सीईएल जैसे संस्थानों के सहयोग से ही बन रहे हैं। कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि ब्रह्मोस और आकाश जैसी मिसाइल का उपयोग हाल ही में पाकिस्तान पर किया गया। हम कह सकते हैं कि इन दोनों मिसाइलों की क्षमता को पाकिस्तान में टेस्टेड और दुनिया में ट्रस्टेड किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने सीईएल के विकास को उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर से जोड़ा। उन्होंने बताया कि पिछले 8 वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था ढाई गुना बढ़ी है, 6 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है और अब निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में प्रदेश बीमारू की छवि से जूझ रहा था, लेकिन आज यह देश का ग्रोथ इंजन बनने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों में से 15 लाख करोड़ के निवेश को ग्राउंड ब्रेकिंग के जरिए प्रोडक्शन से जोड़ा गया है।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीईएल का अपना एक इतिहास है। इस संस्थान ने 1970 में पहले सोलर सेल को ईजाद किया था। आज 50 साल बाद अब यह ग्रीन डाटा सेंटर भी शुरू करने जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए आपका नाम इतिहास में दर्ज हो गया और मुझे खुशी है कि मेरे मंत्रालय के दो संस्थाओं ने भी उसमें अपना योगदान किया। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द हम नोएडा में आईआईटी के अंदर देश का पहला क्वांटम यूनिट स्थापित करेंगे। इसके साथ ही, लखनऊ के नजदीक बायोटेक्नोलॉजी पार्क स्थापित करेंगे और अगस्त में दो या तीन दिवसीय एक स्टार्टअप कॉन्क्लेव आयोजित करने की भी योजना बना रहे हैं।

इस अवसर पर भारत सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश के आईटी मिनिस्टर सुनील कुमार शर्मा, राज्य मंत्री समाज कल्याण विभाग असीम अरुण और पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप मौजूद रहे।

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