36 साल में 40 पोस्टिंग- ब्यूरोक्रेसी के नये बॉस CM योगी के शुरू से खास
आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल ब्यूरोक्रेट में बड़ा लंबर सफर तय कर आज उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव हैं।;
लखनऊ। जहां जन्म लिया, आज उसी राजधानी में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल ब्यूरोक्रेट में बड़ा लंबर सफर तय कर आज उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव हैं। इस लंबे सफर में सीनियर आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल की यह 40वीं पोस्टिंग है, जिसमें वह यूपी के पांच जिलों के कलेक्टर रहे और मेरठ के सीडीओ भी रहे। सीनियर आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को एसपी प्रकाश गोयल के नाम से भी पुकारा जाता है, जो ईमानदार और भरोसे वाले अधिकारी के तौर पर ब्यूरेक्रेट के गलियारे में अपनी जुदा पहचान रखते हैं। 36 साल का आईएएस के रूप में सरकार और पब्लिक के हक में अपनी सेवाएं देने वाली एसपी प्रकाश गोयल अपने बैच के टॉपर यानी गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं।
एसपी प्रकाश गोयल हर सरकार में ब्यूरोक्रेट में अपने कामकाज करने के तौर-तरीकों से अपनी अलग पहचान बनाने में कभी पीछे नहीं दिखाई दिये। यूपी में भाजपा की सरकार और योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के दो माह बाद ही केन्द्र से आईएएस अधिकारी की यूपी में दोबारा एंट्री हुई और उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के तौर पर रखा गया। सीनियर आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल के कामकाज, ईमानदारी और भरोसे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल पर चढ़ गये थे और तब से ही वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजरों से इन आठ सालों में कभी दूर नहीं हुए। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसे और कामकाम करने के तौर-तरीकों के कारण ही आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल को ब्यूरोक्रेसी के नये बॉस बनाया गया है। साल 1989 बैच के गोल्ड मेडलिस्ट आईएएस अधिकारी और यूपी के मुख्य सचिव एसपी प्रकाश गोयल पर पेश है खोजी न्यूज की खास रिपोर्ट....
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शशी प्रकाश गोयल ने 20 जनवरी 1967 के दिन जन्म लिया। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत एसपी गोयल बीएससी की डिग्री हासिल की और इसके बाद एमसीए, ईएमआईबी भी किया हुआ है। इसी बीच उन्होंने सिविल सर्विजेज की परीक्षा को क्रेक कर एक आईएएस अधिकारी बनकर लोगों की सेवा करने का मन बना लिया था, जिसके बाद वह बड़ी मशक्कत के साथ तैयारी में जुटे रहे और एसपी प्रकाश गोयल सिविल सर्विस की परीक्षा और इंटरव्यू पास कर साल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी बन गये थे।
आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल के आईएएस बनने के बाद प्रशिक्षु के तौर पर उन्हें 27 अगस्त 1990 को इटावा का असिस्टेंट मजिस्ट्रेट बनाया गया, जहां से उनका तबादला होने के बाद देहरादून मसूरी में प्रशिक्षण के लिये भेज दिया गया और वह प्रशिक्षण करने के बाद 19 अगस्त 1991 में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर मथुरा जिले में तैनात किया गया। इसके पश्चात आईएएस अधिकारी को 2 अप्रैल 1993 में मेरठ जिले में सीडीओ बनाया गया, जहां पर वह करीब वह एक साल तक कार्यरत रहे। मेरठ से तबादला होने के बाद उन्हें बहराइच जिले का 14 जून 1994 को सीडीओ बनाया गया और यहां से तबादला होने के बाद 17 जून 1995 में अलीगढ़ के सीडीओ बने, जहां पर आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल एक साल से अधिक समय तक तैनात रहे।
शासन ने आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल के अलीगढ से सीडीओ के पद से ट्रांसफर करते हुए पहली बार देवरिया का 17 अगस्त 1996 में जिलाधिकारी बनाकर भेजा। देवरिया में एसपी प्रकाश गोयल के लिये जिलाधिकारी के तौर पर पहली पोस्टिंग थी और यहां पर पूरे जिले की जिम्मेदारी को बड़ा ही बेहतरीन तरीके से उन्होंने संभाला था। जिम्मेदारी को इस तरीके से बखूबी संभाला था कि आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल को शासन ने डेढ़ साल से अधिक समय की तैनाती के बाद मथुरा जिले का जिलाधिकारी बनाया और यहां पर वह डेढ़ साल से अधिक समय तक पोस्टिड रहे। इसके बाद शासन ने आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल को 21 दिसम्बर 1999 को शुगर मिल फेडरेशन ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया और यहां पर वह 15 जनवरी 2025 तक कार्यरत रहे।
एसपी प्रकाश गोयल को शासन ने 10 जनवरी 2000 इटावा का जिला मजिस्ट्रेट बनाया और यह जिला मजिस्ट्रेट के तौर पर आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल की तीसरी नियुक्ति थी। इटावा में दो साल से अधिक का कार्यकाल रहा। 8 मई 2002 से 19 अक्टूबर 2002 तक यूपीईडीईएससीओ के मैनेजिंग डायरेक्टर, 22 अक्टूबर 2002 से 24 अप्रैल 2003 तक यूपीपीएससी इलाहाबाद के सेक्रेटरी रहे। इसके बाद प्रयागराज में ही 24 अप्रैल 2003 से 8 सितम्बर 2003 तक जिलाधिकारीरहे। इसके बाद शासन ने आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल को 10 सितम्बर 2003 को ग्रेटर नोएडी में एडिशन सीईओ बनाया और फिर इसके बाद अलीगढ़ जिले का कलेक्टर बनाकर भेजा, जहां पर उन्होंने 1 मार्च 2004 से 1 जुलाई 2004 तक अपनी सेवा दी। आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल की अलीगढ़ जिले में जिलाधिकारी के रूप में अंतिम पोस्टिंग थी, सिर्फ यहां तक ही उन्होंने जिलाधिकारी की पोस्ट पर काम कर चुके थे।
शासन ने अलीगढ़ से तबादला कर आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल को वेटिंग में भेज दिया था। 20 दिन में वेटिंग में होने के बाद एसपी प्रकाश गोयल को शासन ने गाजियाबाद के कमिश्नर के तौर पर नई जिम्मेदारी सौंपी। वर्ष 2005 में जब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे, उस दौरान आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल को पहली बार चीफ सेक्रेटरी यूपी के स्टाफ ऑफिसर बनाया गया था। स्टाफ अधिकारी से प्रमुख सचिव और परियोजना निदेशक उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण, इसके बाद कैबिनेट सचिव व परियोजना के लिए पीएल स्टाफ अधिकारी और फिर यूपी राज्य एड्स नियंत्रण के निदेशक बनाये गये।
यूपी में मायावती मुख्यमंत्री बने तो उनके लिये सबसे खास माने जाते थे शशांक शेखर। यूपी में शशांक शेखर को कैबिनेट के सचिव का दायित्व सौंपा गया तो उनके स्टाफ अफसर के रूप में आईएएस अफसर एसपी प्रकाश गोयल को जिम्मेदारी दी गई थी। मायावती की सरकार में उन्होंने शानदार कार्यशैली को अंजाम देकर दिखाया। आईएएस अधिकारी मायावती, सपा सरकार और भाजपा सरकार में अपने काम करने के ढंग से अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे।
आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल यूपी के कैबिनेट सचिव, यूपी राज्य एड्स नियंत्रण निदेशक के पीएल स्टाफ अधिकारी व सचिव गोपन, कैबिनेट सचिव व परियोजना के लिए पीएल स्टाफ अधिकारी, यूपी राज्य एड्स नियंत्रण के निदेशक, यूपीस्टेटएड्स के परियोजना निदेशक, पीआई.कैबिनेट सचिव के स्टाफ अधिकारी, नियंत्रण व पीआई.स्टाफ अधिकारी से कैबिनेट सचिव व गोपन विभाग के सचिव, योजना विभाग के सचिव, सिंचाई विभाग के सचिव, बाढ़ नियंत्रण एवं जल संसाधन के अध्यक्ष, रजिस्ट्रार सहकारिता समिति विभाग के सचिव, कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के सचिव रहे।
आईएएस अधिकारी वर्ष 2014 में केन्द्र भाजपा की सरकार आने के बाद दिल्ली चले गये और वहां पर उन्हें उच्च शिक्षा विभाग, व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव बनाया गया। यूपी में भाजपा के प्रचंड बहुमत के बाद सरकार आई तो यूपी में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया और यूपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल थे। आईएएस अधिकारी एसपी प्रकाश गोयल को सुनील बसंल का करीबी भी माना जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वर्ष 2017 में प्रिंसिपल सेक्रेटरी बने और तब से वही सीएम के भरोसेमंद अधिकारी होने की वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजरोंसे दूर नहीं हुए। योगी आदित्यनाथ तब से मुख्यमंत्री जब से ही आईएएस अधिकारी प्रकाश गोयल भी उनके पास ही हैं। भरोसे और शानदार कार्यशैली ही वजह रही कि 31 जुलाई 2025 में एसपी प्रकाश गोयल को उत्तर प्रदेश के नया मुख्य सचिव बनाया गया।