महाकुंभ पर कोरोना का कुहासा- आज हो सकता है खत्म

महाकुम्भ को सरकार समय से पहले ही समाप्त करने की घोषणा कर सकती है। सरकार की ओर से महाकुंभ की अवधि 1 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल निर्धारित की गई है।

Update: 2021-04-16 07:10 GMT

हरिद्वार। उत्तराखंड की प्रमुख तीर्थ नगरी हरिद्वार में आयोजित किए जा रहे महाकुंभ को लेकर प्रदेश की तीरथ सिंह रावत सरकार आज बड़ा फैसला ले सकती है। हरिद्वार में चल रहे महाकुम्भ को सरकार समय से पहले ही समाप्त करने की घोषणा कर सकती है। सरकार की ओर से महाकुंभ की अवधि 1 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल निर्धारित की गई है।  

शुक्रवार की सांयकाल आयोजित की जा रही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की बैठक को लेकर हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ की समाप्ति के आसार लगाए जा रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री धीरज सिंह रावत ने शुक्रवार की शाम राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करने के लिए बैठक बुलाई है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश के अनुसार बैठक में राज्य में कोरोना संक्रमण के वर्तमान हालातों पर मंथन करते हुए आगे की रणनीति निर्धारित की जाएगी। सूत्रों के अनुसार सीएम ने कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़े सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है। पिछले कुछ दिनों के भीतर राज्य में कोरोना संक्रमण की दर में जिस प्रकार से तेजी के साथ इजाफा हुआ है उसे लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है। खासकर राजधानी देहरादून में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के मामले सरकार के लिए चिंता का विषय बन रहे हैं। हरिद्वार में आयोजित किए जा रहे हैं महाकुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण के मामलों में धीरे-धीरे तेजी आ रही है। कुंभ में शामिल हुए साधुओं की कोरोना जांच की गई है। चिंता की बात यह है कि 30 से भी अधिक साधुओं की कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट पाॅजीटिव आई है। हरिद्वार कुंभ के शाही स्नान में शामिल होने के लिए गए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कोरोना रिपोर्ट पाॅजीटिव आई थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से 200 के करीब साधुओं की कोरोना की जांच के लिए सेम्पल भेजे गये है। उधर बृहस्पतिवार की शाम श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी ने स्पष्ट किया कि इस समय हरिद्वार की स्थिति अच्छी नहीं है। कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए वह 17 अप्रैल को मेले का समापन कर देंगे। अखाड़े के श्रीमहंत रविंद्र पुरी के अनुसार छावनी में प्रवास कर रहे संत अखाड़ों में वापस चले जाएंगे। 27 अप्रैल तक जितने संत महात्मा अखाड़े में रहेंगे, वह प्रतीकात्मक रूप में शाही स्नान करेंगे। आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी ने भी अपने अखाड़े के कुंभ की समाप्ति की घोषणा कर दी है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि का कहना है किजिन आखाड़ों ने अपने अपने कुंभ की समाप्ति की घोषणा की है, वह उसका स्वागत करते हैं। यह अखाड़ा परिषद का निर्णय नहीं है। लेकिन, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते वह सभी से नियमों के पालन की अपील करते हैं। परिषद सरकार को पहले ही लिखकर दे चुकी है कि संक्रमण बढने की स्थिति में आखाड़े प्रतिकात्मक स्नान करेंगे।




 




 




 


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