जिंदा रहते कर डाली खुद की तेरहवी-8 गांव के लोगों को दिया ब्रह्मभोज
बुजुर्ग व्यक्ति की मौत के बाद ब्रह्मभोज की परंपरा के विपरीत खुद के जीवित रहते बुजुर्ग ने अपनी तेरहवी कर सभी को चौंका दिया
हापुड। भारत में सदियों से चली आ रही बुजुर्ग व्यक्ति की मौत के बाद ब्रह्मभोज की परंपरा के विपरीत खुद के जीवित रहते बुजुर्ग ने अपनी तेरहवी कर सभी को चौंका दिया है। जिंदा रहते आयोजित की गई रस्म तेरहवी में शामिल होने को 8 गांव के लोगों को ब्रह्मभोज के लिए बुलाया गया। बड़े भाई को पगड़ी पहनाकर अहम रस्म भी पूरी की गई।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद की गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र के चितौडा गांव के रहने वाले 75 वर्षीय बुजुर्ग डालचंद जाटव ने बताया है कि वह आमतौर पर इस समय बहुत बीमार रहते हैं उनके कोई औलाद भी नहीं है। जिसके चलते उनके मन में यह बात आई कि आमतौर पर परिवार के लोग किसी की व्यक्ति की मौत होने के बाद ही उसकी रस्म तेरहवी करते हैं। लेकिन क्यों ना मैं अपने जीते जी अपनी रस्म तेरहवीं खुद ही कर डालूं। मन में आई इस बात का प्रस्ताव जब उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के सामने रखा तो पत्नी के साथ साथ परिवार के अन्य लोग भी मान गए। पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों की सहमति मिलने के बाद डाल चंद जाटव ने झटपट खुद के जिंदा रहते हुए अपनी रस्म तेरहवीं कर डाली। आरिष्टी के बाद ब्रह्मभोज के कार्यक्रम में 8 गांव के लोगों को बाकायदा निमंत्रण भेजकर बुलावा भेजा गया था। जीवित बुजुर्ग की रस्म तेरहवीं में लोग ढोल नगाड़ों पर नाचते हुए शामिल होने पहुंचे। सभी को ब्रहमभोज कराने के बाद डालचंद जाटव के बड़े भाई को पगड़ी पहनाकर सारी रस्में पूरी की गई।