यूपी जेल दिवस : कारागार में खेला गया क्रिकेट मैच, डीजी आनंद कुमार की पहल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार में हर वर्ग को समाज में सम्मान देने के लिए काम किया है।
लखनऊ। आज 18 साल के बाद उत्तर प्रदेश की कारागारों में निराशा और हताशा की अंधेरी कोठरियों के बजाये उल्लास व उत्साह की रोशनी में खेलकूद नजर आता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जेलों को सुधार गृह बनाने के कृतसंकल्पित दृढ़ता और विश्वास के कारण ही यूपी की कारागार आज बंदियों को सामाजिक सुधार की ओर ले जाने वाली साबित हो रही है। इन जेलों में एक बार फिर से बंदियों के बीच खुद को बेहतर और बेहतर बनाने की प्रतिस्पर्धा की दौड़ नजर आ रही है। जेलों में बंदियों के बीच मुकाबला सामाजिक सुधार का है, खेल के मैदान पर अपराध की दुनिया में सक्रियता के कारण कारागारों की चारदिवारी में कैद लोगों ने अपनी प्रतिभा को साबित करना शुरू किया है और इसके लिए यूपी के महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार आईपीएस आनन्द कुमार के प्रयास सार्थक होते नजर आ रहे हैं। यूपी में 18 साल के बाद कारागारों में जेल दिवस की खुशी लौटी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार में हर वर्ग को समाज में सम्मान देने के लिए काम किया है। जेलों में अपराध के कारण बंद बंदियों को सामाजिक परिवेश में ढालने और उनको मुख्य धारा में लाने के लिए कारागारों को मुख्यमंत्री ने सुधार गृह बनाने का संकल्प जाहिर किया था, मुख्यमंत्री के सामाजिक सुधार की दिखा में किये गये इस सराहनीय आगाज को डीजी जेल आनन्द कुमार अंजाम तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने जेलों में बंदियों के दैनिक जीवन में सकारात्मकता के साथ बदलाव लाने का काम किया है। यूपी में अब फिर से जेल दिवस की धूम नजर आती है। डीजी जेल आनन्द कुमार की पहल पर जेल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर खेलों की श्रृंखला में क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ। इसमें जिला तथा आदर्श जेल लखनऊ की संयुक्त टीम का मुकाबला मुख्यालय कारागार की टीम के साथ हुआ। संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ के मैदान पर इस क्रिकेट मुकाबले में दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन किया। आदर्श तथा जिला कारागार की संयुक्त टीम के कप्तान भरत सिंह तथा मुख्यालय कारागार की टीम के कप्तान शांतनु रहे। मुख्यालय की टीम ने इस मैच को 11.3 ओवर में 3 विकेट खोकर जीत लिया।
इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए जिला तथा आदर्श कारागार की संयुक्त टीम ने 15 ओवर में 7 विकेट खोकर 90 रन बनाए। यह लक्ष्य मुख्यालय की टीम ने यद्यपि आसानी से पा लिया तथापि मैच में हर पल रोमांच बना रहा। जिला तथा आदर्श कारागार लखनऊ की संयुक्त टीम मंे इन दोनों कारागारों के 08 कर्मचारी तथा आदर्श जेल के आजीवन कारावास से दंडित 04 बंदी खेले जबकि कारागार मुख्यालय की टीम में मुख्यालय के अधिकारी व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
बंदियों के सामने हर क्षेत्र में अव्वल रहे कारागार अधिकारी
जेल के जीवन में खेल के सहारे उत्साह, उमंग और उल्लास भरने के लिए मनाया गया जेल दिवस कई सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करने वाला साबित हुआ। इस क्रिकेट मैच के सहारे कारागार विभाग के अधिकारी और जेल के बंदियों के बीच एक भावनात्मक रिश्ता भी कायम हुआ और बेहतर समन्वय के रास्ते खुले। इस मैच में कारागार के अधिकारी बंदियों के मुकाबले हर क्षेत्र में अव्वल नजर आये, लेकिन बंदियों ने भी अपने जीवन की नीरसता के बावजूद निराशा के बादलों को हटाकर आशाओं की पिच पर जीवटता भरा प्रदर्शन किया। मुख्यालय कारागार की टीम की तरफ से विपिन यादव ने गेंदबाजी में 3 ओवर में 14 रन देकर दो विकेट हासिल किए, जबकि मुख्यालय की बल्लेबाजी टीम की तरफ से मनीष और अखिलेश यादव ने ओपनिंग करते हुए कुल 59 रन जोड़े। मनीष ने 22 बॉल में चार चैके तथा एक छक्के की सहायता से कुल 33 रन बनाए? जबकि अखिलेश ने 18 गेंदों पर दो चैके और दो छक्के की सहायता से 26 रन बनाए। टीम की तरफ से खेलते हुए पुलिस महानिदेशक व महानिरीक्षक कारागार आनन्द कुमार ने 5 बॉल पर 4 रन बनाकर अपना योगदान दिया और खेल के मैदान से बंदियों को सामाजिक विचारधारा अपनाकर अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित किया। डीजी जेल आनन्द कुमार ने हारने तथा जीतने वाली टीमों के सभी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया तथा सभी को खेल भावना से खेलने तथा मैच में रोमांच भरने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ के निदेशक/अपर महानिरीक्षक कारागार वीके जैन तथा विभाग के अनेक अधिकारी, कर्मचारी तथा मीडिया के बंधु उपस्थित रहे। डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि क्रिकेट प्रतियोगिता की इस श्रृंखला में फाइनल मैच संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ के मैदान पर 4 फरवरी को आयोजित किया जायेगा। वह कहते हैं, ''खेल हमारे जीवन में नीरसता को उत्साह से भरते हैं। हमारे शारीरिक विकास में खेल का योगदान है तो यह मानव के मानसिक विकास में भी सहायक है। खेल के सहारे ही हमने जेलों में उत्साह का वातावरण पैदा करते हुए बंदियों और कैदियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने के रास्ते खोलने का काम किया है ताकि जेलों में बंदियों के जीवन को सुधार की ओर ले जाने के लिए एक अच्छा मंच, माध्यम और अवसर बनाया जा सके। हमारे प्रयास सार्थक भी हो रहे हैं। जेलों में बंदियों के जीवन को बेहतर बनाने के साथ ही उनके खानपान, रहन सहन और उपचार के लिए बेहतर संसाधन हम जुटाने में प्रयासरत हैं। जेलों को हम सुधार गृह बनाने का उद्देश्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इसमें हमें सामाजिक सहयोग भी मिल रहा है और बंदियों में हम उनकी प्रतिभा को निखारकर बदलाव कर पाने में सफल हो पा रहे हैं।