उत्तर प्रदेश की सरकार अब सिर्फ केयरटेकर-ना कोई सीएम ना कोई मंत्री
आचार संहिता लागू हो जाने की वजह से चुनाव के दौरान नई परियोजनाओं पर भी काम शुरू नहीं हो सकेगा
लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से की गई विधानसभा चुनाव की उदघोषणा के साथ ही राज्य के भीतर आचार संहिता भी लागू हो गई है। अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सिर्फ कार्यवाहक की भूमिका के तहत काम करेगी। चुनाव का समूचा काम चुनाव आयोग और बाकी काम अधिकारियों द्वारा देखे जाएंगे। आचार संहिता लागू हो जाने की वजह से चुनाव के दौरान नई परियोजनाओं पर भी काम शुरू नहीं हो सकेगा। हालांकि पहले से चलने वाले विकास कार्यों को लेकर कोई रुकावट नहीं आएगी।
शनिवार को भारत निर्वाचन आयोग की ओर से राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की गई प्रेसवार्ता में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया गया है। विधानसभा चुनाव की शुरुआत 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश से आरंभ होगी। दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवा चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और सातवां चरण 7 मार्च को शुरू होगा। इसी के साथ आचार संहिता भी लागू हो गई है। जिसके चलते अब राज्य में ना कोई सीएम रहा है और ना ही मंत्री। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सिर्फ कार्यवाहक की भूमिका के तहत ही अपना काम करेगी। चुनाव कराने का काम आयोग की देखरेख में होगा, जबकि बाकी काम सरकारी अफसर देखेंगे। चुनाव के दौरान नई परियोजनाओं पर भी काम शुरू नहीं हो सकेंगे। हालांकि पहले से चल रहे विकास कार्य चालू रहेंगे और इनके कामकाज में कोई रुकावट भी नहीं आयेगी। आचार संहिता लागू हो जाने के बाद अब वास्तविक ताकत मतदाताओं के हाथों में आ गई है। अब मतदाताओं को ही इस बात का निर्धारण करना है कि अगली सरकार की सत्ता किस दल को सौंपनी है।