राज्य सरकार ने कृषि फसलों की क्षति हेतु भारत सरकार को भेजा प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में आपदा से प्रभावित कृषकों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने के लिए कृषि फसलों की क्षति के निर्धारित मानक मद 33 प्रतिशत की सीमा को घटाकर 20 प्रतिशत करने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार (राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण) को भेजा गया है।

Update: 2019-07-04 14:18 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में आपदा से प्रभावित कृषकों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने के लिए कृषि फसलों की क्षति के निर्धारित मानक मद 33 प्रतिशत की सीमा को घटाकर 20 प्रतिशत करने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार (राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण) को भेजा गया है।

यह जानकारी अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा देश व प्रदेश में संचालित की जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिकांश कृषि फसलों के लिए क्षति स्तर 80 प्रतिशत निर्धारित है। इसके तहत यदि किसी भी अधिसूचित कृषि फसल की उत्पादता, उसकी औसत उत्पादकता से 20 प्रतिशत से अधिक गिरती है तो उस कृषि फसल को बोने वाले कृषक को बीमा के अंतर्गत क्षति पाने का अधिकारी हो जाता है।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि विभिन्न कृषि फसल बीमा योजनाएं 20 प्रतिशत कृषि क्षति होने पर ही लागू हो जाती है, लेकिन राज्य आपदा मोचक निधि में राहत के मानकों मेें यह गिरावट 33 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर ही कृषक राहत पाने के लिए पात्र था। उन्होंने बताया कि यदि कृषि निवेश अनुदान मद के मानक मद को 33 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत बीमा के लिए निर्धारित प्रतिशत तक कर दिया जाता है तो इससे अधिक कृषकों को आच्छादित कर राहत दी जा सकती है।

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