गरुड़ की मौत का सबब बन रहे चूहे
इसे कुदरत की करामात ही कहेंगे कि जिस पक्षी राज गरुड़ के सामने कुत्ते, हिरन और कई पक्षी निर्जीव जैसे हो जाते हैं
लखनऊ। इसे कुदरत की करामात ही कहेंगे कि जिस पक्षी राज गरुड़ के सामने कुत्ते, हिरन और कई पक्षी निर्जीव जैसे हो जाते हैं, उसी की जिन्दगी चूहे समाप्त कर रहे हैं। समूचे अमेरिका में गोल्डन ईगल अर्थात् गरुड़ पक्षी रहस्यमय स्थिति में मर रहे हैं। इनमें से 80 फीसद पक्षी चूहों के जहर से मारे जा रहे हैं। उनके खून में चूहों के जहर के रसायन मिले हैं। बताया जाता है कि 2014 से 2018 तक अमेरिका में 303 गोल्डन ईगल और बाल्ड ईगल की मौत हुई है। वैज्ञानिक इस आंकड़े से काफी परेशान हैं।
जार्जिया यूनिवर्सिटी के पक्षी वैज्ञानिक मार्क रूडर ने बताया कि अमेरिका में 303 गोल्डन ईगल और बाल्ड ईगल चूहों के जहर से मारे गये हैं। मार्क रूडर कहते हैं कि उन्होंने अमेरिका से आए 133 गरुड़ों के शवों की जांच की। इनमें से 82 फीसद गरुड़ों के शवों में चूहों के जहर के मिलने की पुष्टि हुई है। इनके शरीर में एंटी कांगुलेट रोडेंटी साइड मिले हैं। यह जहर आमतौर पर ओपो सम्स और बीवर्स में पाया जाता है। गरुड़ पक्षी अक्सर इन जीवों का शिकार भी करते हैं। मार्क रूडर ने बताया कि इस समय अमेरिका में सेकेन्ड जेनरेशन के एंटी कांगुलेट रोडेंटी साइड मिल रहे हैं। ये इतने विषाक्त होते हैं कि खाने के बाद भी कई महीनों तक सक्रिय रहते हैं। इन्हें अमेरिकी पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी ने 2011 से सिर्फ कामर्शियल उपयोग के लिए प्रतिबंधित कर रखा है। इसके बावजूद गरुड़ों की मौत इस जहर से हो रही है। (हिफी)