अधिकारी निर्भय होकर अपनी समस्याओं को उच्च स्तर पर प्रस्तुत करें - सिद्धार्थ नाथ सिंह

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज परिवार कल्याण विभाग की बैठक में कहा कि प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केन्द्रित करना हमारी पहली प्राथमिकता है

Update: 2019-07-04 13:51 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज परिवार कल्याण विभाग की बैठक में कहा कि प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केन्द्रित करना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा चिकित्सालयों में सबसे पहले बेसिक स्तर पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, इसलिए ऐसे कर्मचारी अस्पतालों में आवश्यकता के अनुरूप हों यह व्यवस्था प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाए। स्वास्थ्य मंत्री आज परिवार कल्याण निदेशालय में अधिकारियों के साथ परिचय करने के साथ-साथ विभागीय योजनाओं और व्यवस्थाओं का अवलोकन कर रहे थे।

बैठक में मंत्री ने कार्य-प्रणाली बेहतर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा अधिकारी कार्य-पूर्ति के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए परिणामदायी कार्य करें। किसी भी समस्या पर आपसी चर्चा मात्र न करें, निर्भय होकर उच्च स्तर पर समस्याओं को प्रस्तुत करें, जिससे उनका समाधान किया जा सके। समयान्तर्गत सार्थक बैठक पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी बैठकों में विषयगत चर्चा के अपने बिन्दु पहले से तैयार करके लायें, जिससे कम समय में ही सार्थक चर्चा हो। उन्होंने कहा विभाग की योजनाओं को और बेहतर और सुदृढ़ तरीके से लागू किया जाये तथा प्रदेश स्तर पर उनके नियोजन की समीक्षा भी की जाए।

बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक  पंकज कुमार एवं महानिदेशक परिवार कल्याण डाॅ0 नीना गुप्ता के निर्देशन में विभाग की समस्त योजनाओं, उनकी अद्यतन स्थिति, विभागीय आवश्यकताओं, मानव संसाधन का समीक्षात्मक प्रस्तुतिकरण किया गया। प्रस्तुतिकरण के दौरान विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया कराये जाने पर विशेष चर्चा हुई। मिशन निदेशक पंकज कुमार ने पुरूष स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों की बड़ी आवश्यकता, उनके लिए ट्रेनिंग  सेन्टरों का अभाव को प्रमुखता से मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया। मंत्री ने कहा कनिष्ठ स्तर पर जहां किसी व्यवधान के बिना पद भरे जा सकते हैं वहां भर्ती प्रारम्भ करायी जा सकती है। उन्होंने पुरूष स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों हेतु ट्रेनिंग सेंटर की उपलब्धता के लिए वर्तमान में सरकारी महिला ट्रेनिंग सेंटरों को पुरूषों की ट्रेनिंग के लिए उपलब्ध करा देने तथा महिलाओं के लिए चल रहे प्राइवेट टेªनिंग सेंटर से ही भर्ती करा लेने की व्यवस्था पर विचार करने को कहा।

मिशन निदेशक पकंज कुमार ने बैठक में जानकारी दी कि प्रदेश में 102 एम्बुलेंस सेवा को शीघ्र ही डाॅयल 100 जैसी तकनीकी से जोड़ा जा रहा है। अब एम्बुलेंस के लिए की गयी काॅल सीधे एम्बुलेंस पर प्राप्त होगी जैसे डाॅयल 100 की गाड़ियों में प्राप्त होती है। उन्होंने कहा अब मैनुअली काॅल प्राप्त कर ड्राइवर को आदेश नहीं करना पड़ेगा। इस तरह काॅल सेंटर की आवश्यकता समाप्त हो जायेगी। महानिदेशक परिवार कल्याण डाॅ0 नीना गुप्ता ने मंत्री जी को विभाग में अतिरिक्त कार्मिकों की आवश्यकता तथा कुछ नए पद सृजित किए जाने की आवश्यकता से अवगत कराया।

बैठक में संयुक्त निदेशक परिवार कल्याण, टीकाकरण अधिकारी उ0प्र0 डाॅ0 ए0पी0 चतुर्वेदी सहित विभाग के समस्त वरिष्ठ एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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