राहत कैम्प संचालन हेतु नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी को नामित करें - जी0एस0 प्रियदर्शी

Update: 2019-06-14 14:06 GMT

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने बाढ़ के दौरान प्रदेश के जिन जनपदों के बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित होने की सम्भावना है उन सभी जनपदों में आम जनमानस के राहत एवं बचाव हेतु प्रबंधन कार्य के निर्देश दिये हैं।

यह जानकारी सचिव, राजस्व एवं राहत आयुक्त जी0एस0 प्रियदर्शी ने दी। उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों व परिवारों को राहत कैम्पों में अस्थायी रूप से रखा जाता है। इन कैम्पों में अच्छी से अच्छी सुविधाये प्रदान की जाए, जिससे कि आम जनमानस को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, इस सम्बन्ध में समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

राहत आयुक्त जी0एस0 प्रियदर्शी द्वारा जारी आदेश के अनुसार राहत कैम्प के संचालन हेतु नायब तहसीलदार से अन्यून अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जाय। राहत कैम्प के संचालन हेतु ऐसे स्थल का चयन किया जाये जो कि आवागमन की दृष्टि से सुगम, बाढ़ क्षेत्र से बाहर एवं ऊंचाई पर स्थित हो। कैम्प में शरणार्थियों के लिए स्वच्छ बिस्तर, तकिया, चादर एवं चारपाई तथा पंखे आदि की व्यवस्था की जाय। राहत कैम्प में स्वच्छ, पोषणयुक्त, ताजा भोजन की प्रतिदिन दो बार व्यवस्था की जाये। बच्चों एवं वृद्ध के भोजन में केला, दूध, बिस्किट, सत्तू, दलिया आदि भी सम्मिलित किया जाय।

स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। इस हेतु वाटर एटीएम, कैन, क्लोरीनेटेड वाटर टैंकर आदि की व्यवस्था की जाये। कैम्प की निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। इस हेतु जेनसेट, सोलर लालटेन आदि का भी प्रबंध किया जाये।

कैम्प के शरणार्थियों के लिए मनोरंजन कक्ष व स्थल चिन्हित कर उसमें टीवी, रेडियों, समाचार पत्र आदि की व्यवस्था की जाये। कैम्प में सुरक्षा के समुचित प्रबंध किये जाये। महिलाओं की विशेष सुरक्षा हेतु महिला गार्ड (होमगार्ड/पीआरडी आदि) की नियमित रूप से ड्यूटी लगायी जाय। कैम्प में महिला कर्मचारी के माध्यम से महिलाओं के मध्य सैनेटरी नैपकिन का वितरण तथा इसके डिस्पोजल की उचित व्यवस्था की जाये।

राहत कैम्प में महिलाओं एवं पुरूषों के लिए पृथक-पृथक टाॅयलेट व स्नानघर की व्यवस्था की जाये व उनके नियमित रूप से साफ-सफाई एवं Waste Disposal हेतु आवश्यक प्रबंध किये जाये। राहत कैम्प में मेडिकल कैम्प संचालित कर बच्चों व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण तथा पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाईयों, 102/108 एम्बुलेन्स एवं 24 घंटे डाक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।

राहत कैम्प में नियमित रूप से कीटनाशक, चूने आदि का छिड़काव कराया जाये तथा सर्पदंश आदि घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाय। प्रत्येक राहत कैम्प के लिए खाद्य व्यवस्था, मेडिकल, सुरक्षा, पेयजल, सैनीटेशन, पशु व्यवस्था, प्रकाश आदि हेतु अलग-अलग नोडल अधिकारी नामित किये जाये तथा उक्त अधिकारियों के नाम तथा मोबाइल नम्बर कैम्प के बाहर फ्लैक्स बोर्ड व वाल राइटिंग द्वारा अंकित किये जायें।बाढ़ से प्रभावित पशुओं को राहत उपलब्ध कराने हेतु पशु कैम्प का भी संचालन किया जाये। उक्त कैम्प में पशुओं के लिए चारा, स्वच्छ पेयजल, टीकाकरण आदि की व्यवस्था की जाये।

पशु कैम्पों में प्रतिदिन साफ-सफाई सुनिश्चित की जाये तथा कैम्प में पशुचिकित्सकों की पालीबद्ध रूप से ड्यूटी लगायी जाये।राहत कैम्प में पब्लिक एनाउन्समेंट सिस्टम को स्थापित किया जाये तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कैम्प में रहने वाले शरणार्थियों के साथ मधुर व्यवहार अपनाया जाये। कैम्प की समाप्ति के बाद कैम्प स्थल की सफाई व स्वच्छता का प्लान बनाते हुए क्रियान्वित किया जाये।राहत कैम्प में मीडिया ब्रीफिंग के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाय। राहत कैम्प में रहने वाले समस्त व्यक्तियों के नाम, पता, फोन नम्बर एवं कैम्प में रहने की अवधि का विवरण सुरक्षित रखा जाये।



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