स्किल ड्राइव का महेन्द्र नाथ पाण्डेय और कपिल देव अग्रवाल ने किया उद्घाटन
18 मोबाइल स्किल वैन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
लखनऊ। रि -स्किलिंग और अप-स्किलिंग, सुनिश्चित करने के लिए हमारे कार्यबल को आज के रोजगार के हिसाब से और अधिक अवसर मिले, जिससे वे बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहें। किसी व्यक्ति के पिछले शिक्षण और कार्य अनुभव को प्रमाणित मानकों के अनुसार पहचानता है और प्रमाणित करता है। यह एक सतत कार्य पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए उद्योग के असंगठित क्षेत्र को औपचारिक बनाने का प्रयास है। केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डाॅ महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने यह विचार आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में समावेशी आर्थिक विकास के माध्यम से भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के लिए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (MSDE) द्वारा आयोजित पुनरू कौशल विकास के अंतर्गत पूर्व शिक्षण को मान्यता (Recognition of Prior Learning) कार्यक्रम के तहत मेगा ड्राइव लॉन्च के अवसर पर व्यक्त किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने 18 मोबाइल स्किल वैन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। यह 18 मोबाइल स्किल वैन राज्य के विभिन्न जिलों को कवर करेंगी ।
केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डाॅ महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा
डॉ. पाण्डेय ने कहा टायर मैकेनिक भारतीय राजमार्गों की लंबाई और चौड़ाई को कवर करते हैं और सड़क परिवहन को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टायर की फिटिंग, विशेष रूप से कमर्शियल टायर, एक कौशल-आधारित नौकरी है जिसमें औपचारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। हमारी मोबाइल वैन राज्य राजमार्गों, गांवों और कस्बों में घूमेंगी। टायर की सर्विसिंग और रखरखाव में आवश्यक कौशल और सड़क सुरक्षा के साथ उनके सह-संबंध के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम करेगी।
व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने इस अवसर पर कहाll
व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि रबर सेक्टर स्किल कॉउन्सिल की 'सामर्थ' रीसिलिंग परियोजना, बाइल वैन द्वारा ऑटो मैकेनिकों और खासकर टायर-फिटर भाइयों को, जिनके पास औपचारिक प्रशिक्षण केंद्र तक पहुंचने का जरिया नहीं है, उनके लिए अत्यंत ही लाभदायक है।
अब तक करीब 35000 टायर फिटर का प्रशिक्षण और प्रमाणीकरण, कौशल विकास कार्यक्रम के प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के Recognition of Prior Learning के तहत किया जा चुका है. इसके अंतर्गत 19 राज्यों के 119 जिलों को कवर किया गया है। सरकार का लक्ष्य मार्च 2020 तक उत्तर प्रदेश से अकेले ही 40,000 टायर-फिटर का कौशल प्रमाणीकरण करना है।
इस अवसर पर पूर्व शिक्षण (आरपीएल) प्रशिक्षण की मान्यता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र और मैकेनिक किट वितरित किया गया। ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ATM )RSDC के साथ मिलकर टायर फिटर के उत्थान के लिए सहयोग किया है। RSDC ने कौशल श्रमिकों को रबर प्लांटेशन और कम्प्रेशन मोल्डिंग ऑपरेटर, टायर फिटर, लेटेक्स हार्वेस्ट टेक्नीशियन इत्यादि के रूप में प्रशिक्षित करने का कार्य संभाला है।
चेयरमैन आरएसडीसी, विनोद साइमन ने समग्र सड़क सुरक्षा जागरूकता ड्राइविंग के लिए टायर फिटर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "रबर क्षेत्र में उद्योग के लिए तैयार प्रतिभाओं की सख्त जरूरत है। टायर सेवाओं और टायर रखरखाव सड़क सुरक्षा और आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इस पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य कौशल भारत पहल को सफल बनाने की दिशा में क्षेत्र की पूरी क्षमता को पहचानना है।
कार्यक्रम में परिवहन एवं संसदीय कार्यभार, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अशोक कटारिया, सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ( ATM) और रबर स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (RSDC) के अधिकारी शामिल हुए ।